विधानसभा में नहीं नजर आएंगे 12 भाजपा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस की ओर से हंगामा मचाने वाले पटवारी-कुणाल.
The 12 former ministers of the BJP, who caused a commotion on behalf of the Congress, will not be visible in the Legislative Assembly, says Patwari-Kunal.
पूर्व सांसद रीति, राकेश सिंह, और उदय राव पहली बार विधानसभा में लेंगे 230 विधायकों के साथ शपथ
भोपाल। 16 वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इस बार का सत्र पहले से विशेष है।
क्योंकि पूर्व संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित कई चर्चित चेहरे इस बार चुनाव हारने के चलते यहां नहीं दिखाई देंगे। इसके साथ ही इस बार कुछ नाम ऐसे हैं जो पहली बार विधायक के तौर पर यहां एंट्री लेंगे। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत 12 मंत्री ऐसे हैं जो विधानसभा का चुनाव हार गए हैं। इनमें कमल पटेल, महेंद्र सिसोदिया, गौरीशंकर बिसेन, सुरेश राजखेड़ा, राज्यवर्धन दत्तिगांव, भारत सिंह कुशवाह, रामखिलावन पटेल, राहुल सिंह लोधी, प्रेम सिंह पटेल, अरविंद भदौरिया और राम किशोर कांवरे के नाम शामिल हैं। ये सभी इस बार विधान सभा सत्र में नहीं दिखाई देंगे। वहीं कांग्रेस से पूर्व नेताप्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह, पूर्व मंत्री तरुण भनोट, केपी सिंह कक्का जी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और लक्ष्मण सिंह जेसे कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बार सत्र में नहीं होंगे।
खास बात है कि इनमें से कई ऐसे नेता हैं। जो विधानसभा में कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। इसके पीछे कारण रहा कि कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए काफी ज्यादा हंगामा भी किया। इसके अलावा पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और विजय लक्ष्मी साधौ भी नजर नहीं आएंगी।कई युवा भी लेंगे शपथ, पहले दिन सिर्फराज्यपाल का अभिभाषण- इधर, पूर्व सांसद रीति पाठक, पूर्व सांसद राकेश सिंह, और पूर्व सांसद उदय राव प्रताप सिंह जेसे कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जो पहली बार विधायक के तौर पर विधानसभा सत्र में शामिल होंगे। इनके अलावा कई युवा चेहरे भी पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। यह उनका पहला सत्र होगा। 21 दिसंबर तक चलने वाले इस चार दिवसीय सत्र में नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई जाएगी। सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव 230 विधायक गणों को शपथ दिलवाएंगे। इसके बाद राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा। चयन होने पर उन्हें शपथ दिलवाई जाएगी।