November 21, 2024

नर्सिंग घोटाले में मंत्री सारंग की भूमिका पर क्यों उठ रहे सवाल, नेता प्रतिपक्ष ने लगाया बड़ा आरोप

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Why are questions being raised on the role of Minister Sarang in the nursing scam

Why are questions being raised on the role of Minister Sarang in the nursing scam

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Why are questions being raised on the role of Minister Sarang in the nursing scam, Leader of Opposition made a big allegation

मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले में अब तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्ववास सारंग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंधार ने बड़ा आरोप लगाया है।

प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में गड़बड़ी और अनियमितता का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। मामले में सरकार ने तत्कालीन नर्सिंग रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को बर्खास्त कर दिया है। लेकिन, अब तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री, विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे लेकर बड़ा आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने लिखा- मोहन सरकार ने तत्कालीन नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को बर्खास्त कर दिया, यह एक अच्छा कदम है। लेकिन, मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछना चाहता हूं कि वह बड़े मगरमच्छ को क्यों छोड़ना चाहते हैं।

उन्होंने तत्कालीन विभाग के प्रमुख रहे एसीएस मोहम्मद सुलेमान का नाम लेकर कहा कि वह कोरोना काल से घोटाले करते आ रहे हैं। क्या वह इसके भागीदार नहीं हैं। सिंघार ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री विश्वास सारंग का नाम लेकर पूछा कि क्या वह इसके भागीदार नहीं हैं। तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरबड़े क्या इस मामले के भागीदार नहीं हैं?

बड़े मगरमच्छ पर कार्रवाई कब

उमंग सिंघार ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग नर्सिंग काउंसलिंग चला रहे थे। काउंसलिंग इलेक्टेट रहती है, जिसे चुना नहीं गया। शासन में बैठे यह लोग नर्सिंग काउंसलिंग को अपने हिसाब से टेकओवर करके चलाते रहे। इसमें सीधा-सीधा घोटाले करने वाले यह लोग हैं, यह बड़े मगरमच्छ हैं। सिंघार ने मुख्यमंत्री से कहा कि मोहन यादवजी इन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए, ना की छोटी मच्छलियों पर।

क्यों उठ रहे मंत्री सारंग की भूमिका पर सवाल?

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में बड़ी अनियमितता सामने आई। यह अनियमितता पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग थे। वहीं, विभाग के प्रमुख मोहम्मद सुलेमान और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरबड़े थे। इसलिए इनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

क्या है नर्सिग कॉलेज घोटाला?

प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में शासन के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हुआ। इसमें ऐसे कॉलेजों को मान्यता दी गई जो या कागजों में चल रहे थे या फिर एक कमरे से संचालित हो रहे थे। कई कॉलेज किसी भी अस्पताल से संबंद्ध नहीं थे। इसका खुलासा होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर कोर्ट ने 375 से ज्यादा कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

घोटाले की जांच में भी घोटाला

नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए सीबीआई, नर्सिंग अधिकारी और पटवारियों की टीम बनाई गई थी। इसमें जांच में शामिल सीबीआई के अधिकारयिों ने रिश्वत लेकर अयोग्य कॉलेजों को सूटेबल लिस्ट में शामिल कर दिया गया। इस मामले में सीबीआई की दिल्ली टीम ने अपने ही अधिकारियों को रिश्वत लेते पकड़ा। इसमें 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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