विश्व प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी ने मनोज वाधवा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा
World renowned university confers honorary doctorate on Manoj Wadhwa
अभिनेत्री महिमा चौधरी के हस्ते मिला सम्मान।
हरिप्रसाद गोहे
आमला।। सफलता पाने के लिए परिश्रम और अदम्य इच्छाशक्ति लगती है।
जो व्यक्ति परिश्रम व इच्छाशक्ति को साध लेता है,सफलता उसकी मित्र बन जाती है । परिश्रम व इच्छाशक्ति के साथ समर्पण व जुनून को साधने वाले मनोज वाधवा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलना इसी बात का उदाहरण है । गौरतलब हो की बैंक ऑफ इंडिया आमला शाखा में पदस्थ मनोज वाधवा को जयपुर में हुए एक गरिमामय कार्यक्रम में जर्मनी की हेसन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा डाइटिटिक्स एवं न्यूट्रिशन के क्षेत्र में विशेष कार्य करने के चलते डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई । उन्हें ये उपाधि व सम्मान प्रसिद्ध अभिनेत्री महिमा चौधरी के हाथों दिया गया।
मनोज वाधवा वर्तमान में बैंक कर्मी के साथ-साथ डायटीशियन, न्यूट्रिशियन व फिटनेस एक्सपर्ट के रूप में स्वयं को स्थापित कर चुके वाधवा पूर्व में भारतीय वायुसेना में भी कार्य कर चुके है, 20 वर्षों तक वायुसेना में सार्जेंट के रूप में सेवा देने के बाद अपने जुनून और परोपकारी स्वभाव के चलते उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में भी विशेष ख्याति प्राप्त कर ली है । कहते है न कि सम्मान व साधन मिलने के लिए प्रयासो का विशेष महत्व होता है, मनोज वाधवा को डाइटिशियन व न्यूट्रिशियन के कार्य में मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि उनके सतत प्रयासो से मिली है, जिसके लिए कई सारे प्रतिष्ठित संस्थानों से उन्होंने डिप्लोमा व डिग्री प्राप्त की है।
समाजसेवा को बना लिया है दिनचर्या
मनोज वाधवा के अलावा शायद ही कोई अधिकारी या कर्मचारी हो जो समाजसेवी कार्यो में खुद को इतना नियमित रखता हो, यही वजह है कि आज उनका नाम बैतूल जिले के उन चुनिंदा समाजसेवियों में लिया जाता है जिन्होंने समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया है। फिर चाहे वो निराश्रित गौवंश को आश्रय देने हेतू गौशाला निर्माण की पहल हो, या दिव्यांग बंधुओ के वाहनों को मोडिफाइड करवाना, बारिश में गरीब परिवारों की छत सुधरवाने का कार्य हो या ग्रामीण व दूरस्थ रहने वाले गरीब बच्चो को कपड़े,स्टेशनरी व अन्य सामग्री प्रदान करना हो, हर क्षेत्र में उन्होंने समाजसेवा की नई परिभाषा गढ़ी है।
आज विश्वप्रसिद्ध हेसन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी,जर्मनी से मुझे डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हुई, इसके लिए मैं अपने माता-पिता, परिवार, मित्रो व शुभचिंतको का आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे सदा बेहतर बनने की प्रेरणा दी।