February 6, 2025

यासीन मलिक की पत्नी का राहुल गांधी को पत्र – ‘उसे जेल से निकालिए, वो जम्‍मू में शांति..

0

नई दिल्ली
 जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मुलिक ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक चिट्टी लिखी है। उन्होंने पत्र लिखकर कांग्रेस नेता से संसद में उनके पति के लिए बहस शुरू कराने की अपील की। मुशैल हुसैन के मुताबिक केवल उनके पति ही जम्मू एवं कश्मीर में शांति ला सकते हैं।

मुशैल हुसैन का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में चल रही शांति प्रक्रिया में यासीन मलिक की भूमिका महत्वपूर्ण है और उसकी दुर्दशा का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए।

मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पूर्व सहायक मुशैल ने लिखा, “राहुल जी, यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए एक ताकत बन सकते हैं, बशर्ते उन्हें उचित मौका दिया जाए।”

मुशैल ने पत्र में कहा, “मेरे पति के साथ चल रहा व्यवहार किसी यातना से कम नहीं है और मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उन्हें न्याय दिलाने में हमारी मदद करें।”

राहुल गांधी को लिखे पत्र में मुशैल ने अपने पति के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाई का जिक्र किया, विशेष रूप से दशकों पुराने राजद्रोह के मामले का, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब मृत्युदंड की मांग की है।

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने टेटर फंडिंग के एक केस में मृत्युदंड की एनआईए की अपील को चुनौती दी है।

एनआईए के आरोप 2017 में टेरर फाइनेंसिंग इन्वेस्टिगेशन से जुड़े हैं, जिसमें मलिक के साथ कई अन्य लोग शामिल थे। 2022 में मलिक को दोषी पाए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

हालांकि, मुशैल के अनुसार, मलिक की नजरबंदी और उसकी मौत की सजा की मांग ‘एक व्यापक राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।’

मुशैल ने दावा किया कि 2019 से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मलिक के साथ ‘अमानवीय’ व्यवहार कर रही है और उनके खिलाफ मुकदमे ‘राजनीति से प्रेरित’ हैं।

मुशैल ने पत्र में आरोप लगाया कि ‘मलिक पर 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चल रहा है और अब, उन्हें फांसी की सजा देने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।’

मुशैल ने आगे कहा कि उनके पति, जो कभी सशस्त्र संघर्ष की वकालत करते थे, ने सालों पहले हिंसा का त्याग कर दिया था फिर अहिंसा और शांति का मार्ग अपनाया। उन्होंने कहा, ‘यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में वास्तविक शांति का साधन बन सकते हैं, न कि दिखावटी शांति जिसका वादा किया गया है।’

मुशैल ने यह भी बताया कि 2 नवंबर से मलिक जेल में अपने साथ हुए कठोर व्यवहार के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

मुशैल ने मलिक के स्वास्थ्य के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि लंबे समय तक भूख हड़ताल करने से उनकी जान को खतरा हो सकता है।

कांग्रेस क्यों निशाने पर आ सकती है?
ताज्जुब होता है न कि मिशाल मलिक ने अपने पति के लिए रहन की भीख भी किससे मांग रही है, कांग्रेस से। कांग्रेस पहले ही उसके पति की मनमोहन सिंह से 2006 वाली मुलाकात के बाद से बैकफुट पर रहती है, ऊपर से यह पत्र उसके लिए और मुसीबात बढ़ाने का काम करेगा। हालांकि न तो कांग्रेस और न ही राहुल गांधी ने इसका जवाब दिया है,लेकिन यह लेटर पार्टी का बीपी हाई करने वाला है।

यासीन मलिक को किस मामले में सजा हुई है?
यासीन मलिक इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। कश्मीरी अलगाववादी नेता और पूर्व उग्रवादी यासीन मलिक कश्मीर को भारत से काटने की बात करता था। 1990 के कश्मीर नरसंहार में उसका भी बड़ा हाथ है। यासीन मलिक को 25 मई 2022 को एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सजा सनाई थी। एनआईए ने 2017 के आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दायर किए थे, जिनमें मलिक भी शामिल था।
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष रहे यासीन मलिक पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में भारतीय वायु सेना के 40 कर्मियों पर हमले का बी आरोप है। उस हमले में 4 वायुसेना कर्मियों की जान चली गई थी। यासीन मलिक पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद के अपहरण और उसके बाद पांच आतंकवादियों को छोड़ने की घटना में भी आरोपी है। इसके अलावा तीन दशक पुराने राजद्रोह मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसके लिए मौत की सजा की मांग की है।

 

2006 की वो फोटो जो नहीं छोड़ती पीछा
अब बात उस तस्वीर की जो 18 साल बाद भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रही है। यह मुलाकात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आतंकी यासीन मलिक के बीच हुई थी। यासीन की पत्नी मिशाल ने अपने पत्र में इस मुलाकात का भी जिक्र किया है। मिशाल मलिक ने लिखा कि यासीन मलिक विविधता में एकता के सच्चे शिष्य हैं, कश्मीरियत की आत्मा हैं। यह उनकी निर्मल अहिंसक विचारधारा थी, जिसने तत्कालीन भारत के प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को 17 फरवरी, 2006 को भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच संवाद शुरू करने के लिए आमंत्रित किया था। यासीन ने शांति प्रक्रिया में अपना पूर्ण समर्थन देने का वादा किया था।

17 फरवरी 2006 को तब के पीएम मनमोहन सिंह ने यासीन मलिक को आमंत्रित किया था। दोनों की मुलाकात नई दिल्‍ली स्थित प्रधानमंत्री आवास में हुई थी।
यह मुलाकात जम्‍मू-कश्‍मीर के नेताओं, अलगाववादियों और अन्‍य संगठनों के साथ जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत हुई थी। इस मुलाकात के दौरान कहीं से भी यासीन मलिक के चेहरे पर अपराधबोध नहीं था। उसने बड़ी गर्मजोशी से मनमोहन सिंह से मुसाकात की थी। हाथ मिलाया और फोटो भी खिंचवाई थी। जिस ठाठ बाट के साथ उसने यह मुलाकात की, उसी तरह वह मुलाकात के बाद भी था, बिल्कुल नवाबों की तरह अपनी कार में बैठा और चला गया। तब का दिन था और आज का दिन है, बीजेपी सहित कई पार्टियां इस फोटो को लेकर हमेशा कांग्रेस पर सवाल खड़ी करती आई हैं।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor