प्रागी लाल जाटव विधायक का राजनैतिक भविष्य अंधकारमय
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हिन्दू विवाह अधिनियम में दो पत्नियां रखना कानूनी अपराध है उसके विधायक प्रत्याशी समय पर रिटर्निग ऑफिसर के समक्ष आवेदन के साथ शपथ पत्र में अपने जीवन का आय व्यय परिवार की पोजीशन, न्यायालय में चल रहे मुकदमों का हवाला चुनाव आयोग देना ही पड़ता है नहीं दिया गया है तो कोई भी व्यक्ति चुनाव आयोग, कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है। याचिका में लिखी गई इवारत सत्य है तो जिस व्यक्ति के खिलाफ दायर याचिका के आधार पर अयोग्य घोषित कर देगी जिसमें करैरा विधायक के खिलाफ याचिका में दो पत्नियां का स्पष्ट उल्लेख किया गया है और सिद्ध पाई गई तो
सुनिश्चितता अयोग्य घोषित होगा हो सकता है अपने विधायक कार्यकाल के दौरान शासन से जितनी सुख सुविधाएं ली गई है कोर्ट रिकवरी का भी आदेश देने सक्षम है। क्योंकि कोर्ट अज्ञानता की गल्ती मांफ कर सकती है पर ज्ञान होते हुए अज्ञान बनना अपराध से भी बड़ा अपराध होता है वो भी एक जनप्रतिनिधि द्वारा स्वयं संज्ञान में होते हुए भी छिपाना ये भी हो सकता है जनप्रतिनिधि को पेंशन पर रोक लगा दे,
कांग्रेस पार्टी को भी जानबूझकर कर मक्खी नहीं निगलनी चाहिए और बड़ी भूल भी न करें रिपीट टिकट क्योंकि याचिका चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले कोर्ट में दाखिल की गई है। कांग्रेस पार्टी पर विपक्षी प्रत्याशी आरोप लगा कर करैरा विधानसभा क्षेत्र में बड़ा मुद्दा बनाएंगे यह मेरी कांग्रेस को कानूनी सलाह हैं
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दिनारा एडवोकेट मप्र दी गई जिसको आगामी विधान सभा टिकिट वितरण में संज्ञान में रखना चाहिए।