संस्कृति विभाग ने 316 संस्थानों को बांट दिए डेढ़ करोड़, उपकृत होने वालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष से लेकर पूर्व महापौर – शर्मा भी
भोपाल. संस्कृति विभाग 2 साल में एक करोड़ 48 लाख रुपए से अधिक की राशि का अनुदान के नाम 316 संस्थाओं के बीच बंदरबांट कर दी. बंदरबांट में 10 हजार से लेकर साढ़े सात लाख तक का अनुदान दिया गया.
इस सूची में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा से पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी, संत गोरक्षा उत्थान समिति चंद्रशेखर तिवारी से लेकर भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा का नाम भी है जिन्होंने अपने पिता डॉ. गौरीशंकर शर्मा की संस्था को सरकारी अनुदान दिलाया. इसी कड़ी में तुलसी मानस प्रतिष्ठान जिसके कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा हैं, उन्होंने अपनी संस्थान साढ़े सात लाख का अनुदान दिलाया है.
यह खुलासा नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के लिखित प्रश्न के जवाब में संस्कृति संचालनालय द्वारा 2021-22 व 2022-23 में दिए गए अनुदान की सूची से हुआ है.
संस्कृति संचनालय द्वारा दी गई सूची से हुआ है. दिलचस्प पहलू यह है कि इस अनुदान को पाने के लिए कुछ संस्थाओं के पदाधिकारी अलग-अलग नाम-पते का इस्तेमाल कर सरकारी राशि को लेने से नहीं चूकते हैं। अनुदान लेने वालों में कई असरदार लोगों के नाम भी सूची में शामिल हैं। इसी कड़ी में भोपाल के चिकित्सक और समाजसेवी डॉ. जयप्रकाश पालीवाल ने परिकल्पना सोसायटी फॉर मेडिकल एजूकेशन एंड चैरिटेबल हॉस्पिटल के नाम से 10 हजार रुपए का अनुदान लेने में संकोच नहीं किया. एक समाचार पत्र के प्रमुख पलाश सुरजन ने मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के लिए तीन लाख रुपए का अनुदान लिया. इसी प्रकार रंग संसार संस्था के कपिल तिवारी को डेढ़ लाख रुपए और डॉ. सत्येंद्र खरे ने कोशिश नाट्य संस्था के नाम से 75 हजार रुपए का अनुदान दिया गया. इसी तरह भोपाल के मंजर भोपाली ने भी हम एक हैं संस्था के नाम से मात्र दस हजार रुपए अनुदान लिया है.
एक व्यक्ति को दो संस्था के नाम से अनुदान
संस्कृति संचालनालय से भोपाल के लालघाटी नयापुरा के विजय अग्रवाल ने दो संस्थाओं के माध्यम से तीन लाख रुपए का अनुदान लिया है. अग्रवाल ने अभिनव कला परिषद के नाम से एक लाख तो मधुवन संस्था के नाम से दो लाख का अनुदान लिया है. इसके अलावा भोपाल के 9 सिविल लाइंस विद्या विहार प्रोफेसर्स कॉलोनी के पते में मामूली बदलाव कर दो अलग-अलग नाम के व्यक्ति व संस्था को दो लाख रुपए का संस्कृति संचालनालय से अनुदान दिया गया. डेढ़ लाख का अनुदान कीर्ति बैले एंड परफार्मिंग आर्ट्स के चंद्रमाधव बारिक और 50 हजार रुपए का अनुदान कसौटी बैले एंड परफार्मिंग आर्ट्स के दीपक श्रीवास्तव ने लिया.
एक परिवार ने तीन संस्था के नाम से अनुदान लिया
भोपाल के एक परिवार ने तो तीन अलग-अलग नाम और पते में मामूली बदलाव कर 60 हजार रुपए का अनुदान लिया. अनीता श्रीवास के नाम से यामा आदर्श महिला मंडल समिति को 25 हजार तो रामनारायण श्रीवास की हर्षिता वेलफेयर एंड एजूकेशन सोशल सोसायटी के नाम से 10 हजार और आरएन श्रीवास के नाम से प्रेम बसंत एजूकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन 25 हजार रुपए का अनुदान लिया गया.
चार नेमा को रेतघाट-गिन्नौरी के पते से अनुदान
संस्कृति संचालनालय से अनुदान पाने वाले लोगों में भोपाल के रेतघाट-गिन्नौरी के नेमा सरनेम के चार लोग शामिल हैं। यह इत्तफाक ही है कि इनमें दो के पते एकसमान हैं जिनमें मकान नंबर नहीं हैं तो दो में से एक में केवल मकान नंबर तो एक में मकान नंबर के साथ गली नंबर भी दिया गया है। नेमा सरनेम का एक अन्य नेहरू नगर के पते का व्यक्ति भी है। इन पांच नेमा को संस्कृति संचालनालय से 80 हजार रुपए का अनुदान मिला है।
महेश नेमा को जनशक्ति युवा कल्याण महिला एवं बाल विकास समिति, भारती नेमा को मेक्स केयर वेलफेयर सोसायटी, उषा नेमा को प्रशांत दीप शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति उदयपुरा, सोनी नेमा को आधार सोशल वेलफेयर सोसायटी व राहुल नेमा को स्टैंडर्ड महिला मंडल समिति के लिए अनुदान मिला है।
अनुदान पाने वालों में भोपाल के 55 फीसदी
संस्कृति संचालनालय से दो साल में अनुदान पाने वाले 316 लोगों में सबसे ज्यादा करीब 55 फीसदी 174 भोपाल के हैं। इसके बाद ग्वालियर के 30 तो उज्जैन के 17 व इंदौर के 16 और जबलपुर-नर्मदापुरम के सात-सात लोगों को अनुदान मिला है। रीवा के छह, राजगढ़ के पांच, विदिशा, दमोह, सागर, शिवपुरी व मुरैना के चार-चार, दतिया, सीहोर, कटनी, बैतूल, टीकमगढ़ के तीन-तीन, छिदंवाड़ा, रायसेन, रतलाम, बालाघाट व सतना के दो-दो और मंडला, नरसिंहपुर, हरदा, नीमच, श्योपुर, शाजापुर, देवास, उमरिया व भिंड की एक-एक संस्था को अनुदान दिया गया है।
75 हजार या उससे ज्यादा अनुदान पाने वाली प्रमुख संस्थाएं
* रघुनंदन शर्मा- तुलसी मानस श्यामला हिल्स -7लाख 50 हजार
* श्रीनिवास कुटुम्बले- सानद न्यास- सात लाख
* अनिल अवस्थी- निराला शिक्षा समिति- सात लाख
* मुकेश कुमार मिश्रा- दंतोपंत ठेगड़ी शोध संस्थान- 5 लाख 50 हजार
* गौरव कुलश्रेष्ठ- श्री रामानंद समिति विद्यालय- 3 लाख
* श्रीमती स्नेहिल मिलिंद महाजन- मुक्त संवाद साहित्यिक समिति- तीन लाख
* पलाश सुरजन- मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन- तीन लाख
* विजय अग्रवाल- अभिनव कला परिषद और मधुबन- तीन लाख
* सुखदेव प्रसाद दुबे- मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति- तीन लाख
* विनय शर्मा- नाट्य लोक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था- दो लाख
* डॉ. अतुल सेठ- भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास- दो लाख 50 हजार
* चंद्रमाधव बारिक- कीर्ति बैले एंड परफार्मिंग आर्ट्स- एक लाख 50 हजार
* सज्जन लाल ब्रह्मभट्ट- कला समय संस्कृति शिक्षा एवं समाज सेवा समिति- एक लाख 50 हजार
* हर्षिता मिश्रा- नव नृत्य नाट्य संस्था- एक लाख 50 हजार
* डॉ. रामवल्लभ आचार्य- मध्य प्रदेश लेखक संघ- एक लाख 50 हजार
* बीएस तिवारी- मंडप- एक लाख 26
* श्रुति शर्मा- वरदा कला संस्थान- एक लाख
ग्वालियर
* हनुमंत किशोर शर्मा- नृत्यांजलि कथक केंद्र- एक लाख
* कैलाश नारायण पांडेय- नित्यम फाउंडेशन- एक लाख
इंदौर
* कामना सिंह- छोटी खजरानी महिला एवं बाल कल्याण समिति- एक लाख
* बारेलाल अहिरवार- श्री संत रविदास सेवा संस्थान- एक लाख
* अखिलेश दुबे- मनोरमा एजूकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी- एक लाख
* अनामिका अवस्थी- अनन्या विकास एवं जागरूका संस्था समिति- एक लाख
* राकेश कुमार जैन- नवलय- एक लाख 25 हजार
* पुरुषोत्तम सप्रे- मध्य प्रदेश मराठी साहित्य संघ- एक लाख
* मृदुला भारद्वाज- त्रिकर्षि नाट्य संस्था- एक लाख
* डॉ. गौरीशंकर शर्मा- अखिल भारतीय संस्था कला मंदिर- 75 हजार
* सुमित द्विवेदी- एकता मप्र शासकीय कर्मचारी रंगमंच- 75 हजार
* के दामोदर राव- नाद चैतन्य समिति- 75 हजार
* गोपाल दुबे- भूमिका समिति- 75 हजार
* हीरालाल चटर्जी- सघन सोसायटी फॉर कल्चरल एवं वेलफेयर- 75 हजार
* बालेंद्र सिंह- हम थियेटर ग्रुप- 75 हजार
* मनोज नायर- शेडो कल्चर एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी- 75 हजार
* वैशाली गुप्ता- अर्ध्य कला समिति- 75 हजार
* सुश्री माया- चिल्ड्रन थियेटर अकादमी- 75 हजार
* सत्येंद्र खरे- कोशिश नाट्य संस्था- 75 हजार
* रवि चौधरी- रंगकृति नाट्य संस्था- 75 हजार
* डॉ. सीताशरण शर्मा- नर्मदा आव्हान सेवा समिति- 75 हजार
* भूपेंद्र एस चौधरी- साथी जनशिक्षण एवं संस्कृति समिति- 75 हजार