दो भागों में बंटा छिंदवाड़ा
भोपाल/ छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले सीएम शिवराज ने अपना आखिरी दांव चल दिया है। बीती रात सीएम शिवराज की कैबिनेट बैठक में मैहर के साथ ही पांढुर्ना को नया जिला बनाने के आदेश जारी कर दिये हैं। इन दोनों को जिला बनाने को ऐलान पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके थे। शिवराज सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले अपने फैसले पर अमल कर दिया है। छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना और सौसर को मिलाकर पांढुर्ना नया जिला बनाया गया है। नव घोषित पांढुर्ना जिले में सौसर और पांढुर्ना तहसील के सभी 137 पटवारी हलकों को शामिल किया गया है। चुनावी साल में लंबे समय से की जा रही मांग पर अब अमल किया गया है। ये फैसला सीएम शिवराज की आखिरी कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया है।
सीएम शिवराज ने इसी साल पांढुर्ना को मध्य प्रदेश का जिला बनाने का ऐलान किया था, इस जिले में पांढुर्ना के अलावा सौसर विधानसभा सीट भी है। यानी कांग्रेस के कब्जे वाली इन दोनों सीटों पर शिवराज सिंह चौहान ने जिला बनाकर बड़ा दांव खेला है। इस नए जिले के स्वरूप से छिंदवाड़ा के वर्तमान परिवेश में परिवर्तन साफ तौर पर देखा जा सकेगा। हालांकि, इसके पहले भी सीएम दो चुनावों में पांढुर्ना को जिला बनाने की घोषणा कर चुके थे। लेकिन इस बार इसे अमल में भी लाया गया है।
केबिनेट में मोहर लगते ही जारी हुआ राजपत्र।
मध्यप्रदेश केबीनेट की हुई बैठक में पांढुर्ना को भी नवीन जिला बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ एवं तत्काल अधिकृत नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है।
मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के अपर सचिव के हस्ताक्षर के जारी इस आदेश में यह उल्लेखित है कि मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 13 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार एतद द्वारा इस आदेश के राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से नवीन जिला पांढुर्ना (मुख्यालय पांढुर्ना) का गठन करती है। जिसमें पांढुर्ना तहसील के समस्त 74 हल्के तथा सौसर तहसील के समस्त 63 हल्के मिलाकर कुल 137 पटवारी हल्के समाविष्ट होंगे। पांढुर्ना जिले के गठन उपरांत छिंदवाड़ा जिले में शेष 12 तहसीलें क्रमश: अमरवाड़ा, उमरेड, चांद, चौरई, छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ा नगर, जुन्नारदेव, तामिया, परासिया, बिछुवा, मोहखेड़ एवं हरई के समस्त 686 हल्के शेष रहेंगे
गोटमार मेले के लिए प्रसिद्ध है पांढुर्ना।
प्रशासनिक दृष्टि से आज का पांढुर्ना जिला कल तक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक तहसील और नगर रहा है। छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से इस शहर की दूरी लगभग 95 किमी है। जबकि प्रदेश की राजधानी से यह नगर लगभग 264 किमी के दूरी पर है। ‘जाम’ नदी के किनारे बसा यह शहर नेशनल हाईवे-69 (NH-69) और दक्षिण पूर्व मध्य-रेलवे मार्ग पर स्थित है। जाम नदी के किनारे स्थित पांढुर्ना को भारतवर्ष ही नहीं पूरी दुनिया में सांस्कृतिक रूप से प्रसिद्ध गोटमार (पत्थर मार) मेले के लिए जाना जाता है। प्रसिद्ध जामसांवली हनुमान मंदिर नगर से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके साथ ही कई प्रसिद्ध मंदिर व दार्शनिक स्थल भी पांढुर्ना में मौजूद हैं।
प्रमुख कृषि उत्पादक क्षेत्र है पांढुर्ना।
पांढुर्ना मध्य प्रदेश के एक प्रमुख कृषि उत्पादक क्षेत्र है, जहां से सरकार को अच्छा राजस्व प्राप्त होता है। इस नगर और आसपास की उपजाऊ भूमि पर यहां के कृषक समुदाय मूंगफली, सोयाबीन, कपास, गेहूं, अरहर, चना, मूंग, ज्वार, मक्का, उड़द आदि अनाजों से अपना निर्वाह करते हैं। साथ ही यहां कद्दू, लौकी बरबटी हरी सब्जियों के साथ संतरा जैसे फल का भी उत्पादन किया जाता है। ये उत्पाद न केवल स्थानीय विक्रय केन्द्रों को बल्कि और अंतर-राज्यीय मंडियों में भी भेजा जाता है। शहर के आस-पास ऑयल मिलें और धागा मिलें भी स्थापित की गई हैं।
आदिवासी बाहुल्य इलाका है पांढुर्ना।
नव घोषित जिला पांढुर्ना एक बहुल आदिवासी इलाका है। यहां की विधानसभा सीटों पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है, पांढुर्ना से नीलेश उइके विधायक है। जबकि सौसर से विजय रेवनाथ चौरे विधायक हैं। पांढुर्ना की जनसंख्या लगभग तीन लाख, दस हजार पांच सौ (3,10,500) के आसपास हैं। जबकि सौसर की जनसंख्या लगभग दो लाख, चालीस हजार (2,40,000) के आसपास है। इस हिसाब से नव घोषित जिले की जनसंख्या तकरीबन पांच लाख, पचास हजार (5,50,000) है। जिसमें से लगभग आधी आबादी आदिवासियों की है। पांढुर्ना से छिंदवाड़ा की दूरी 90 किलोमीटर है। ऐसे में यहां के रहवासियों को छिंदवाड़ा आने में काफी परेशानी होती थी। लंबे समय से पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग की जा रही थी। आज पूरी हुई है।
अजय देव शर्मा को मिली पांढुर्ना की कमान।
मध्य प्रदेश नव घोषित जिले पांढुर्ना के लिए सरकार ने पहले कलेक्टर की नियुक्ति कर दी है। आईएएस अधिकारी अजय देव शर्मा को पांढुर्ना जिले का पहला कलेक्टर नियुक्त किया गया है। अजय देव शर्मा की वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत उज्जैन में पदस्थ थे। अजय देव शर्मा 2014 बैच के आईएएस अफसर हैं। नव घोषित पांढुर्ना जिले में नवागत कलेक्टर के लिए भवन सज कर तैयार हो गया है।
मध्य प्रदेश में अब 55 जिले होंगे।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की कैबिनेट में दोनों नए जिलों की घोषणा पर मोहर लगने के बाद में राज्य शासन ने पांढुर्ना और मैहर को जिला बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के अमल में आने के बाद अब मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 55 हो गई है। इसी कड़ी में इसके पूर्व रीवा क्षेत्र के मऊगंज को 53 वां जिला बनाया था।
पांढुर्ना अहम क्यों?
बीजेपी ने पांढुर्ना को जिला बनाने की घोषणा करके एक नया दांव खेल दिया है। छिंदवाड़ा पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। ऐसे में बीजेपी के पांढुर्ना को जिला बनाने की कवायद को बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अभी छिंदवाड़ा पूरा जिला एक लोकसभा क्षेत्र है। पांढुर्ना के जिला बनने के बाद छिंदवाड़ा लोकसभा में दो जिले हो जाएंगे।