फरार कैदी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, दीवार कूद कर भागा था लापरवाही बरतने वाला जेल कर्मचारी निलंबित
कटनी। पिछले 1 साल से हत्या के मामले में बंद विचाराधीन कैदी गत 6 अक्टूबर की दोपहर लगभग 2:30 बजे फरार होने में कामयाब हो गया था जबकि दूसरे बंदी को फरार होने से पहले ही जेल कर्मियों ने दबोच लिया था। जेल की दीवार फांदकर भागी हुई हत्या के आरोपी को 6, 7 अक्टूबर की दरमियानी रात लगभग 2:00 बजे जेल के सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया। जेल सूत्रों के मुताबिक भागने के प्रयास में हत्या का आरोपी जेल की दीवाल से कूदा था जिसके कारण उसका एक पैर टूट गया था, और वह जेल के ड्रेनेज सिस्टम के लिए बनाई गई नाली में छिप कर बैठ गया था। देर रात जब वह वहां से निकल कर भागने का प्रयास करने लगा तो उसे पकड़ लिया गया।
यह था पूरा मामला
कैमोर के लालनगर निवासी बंदी लल्लन कोल बड़ारी गांव में रेलवे साइडिंग में एक महिला की हत्या के मामले में एक साल से जिला जेल में बंद था। और कैदी बसंत एनडीपीएस के मामले में बंद था। 6 अक्टूबर शुक्रवार को जेल में मरम्मत का कार्य चल रहा था।
दोपहर लगभग दो बजे छत की मरम्मत के लिए लगाई गई सीढ़ी में चढ़कर दोनों कैदी जेल से फरार होने की कोशिश करने लगे। इस कोशिश में लल्लन तो दीवार फांदने में कामयाब हो गया जबकि बसंत को दीवार फांदने के पूर्व ही पकड़ लिया गया।
नाली में छिपा था आरोपी
जेल अधीक्षक प्रभात चतुर्वेदी ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि जेल की दीवार फांदकर भागने में सफल हुआ लल्लन दीवार से कूदने के बाद जेल के ड्रेनेज सिस्टम के लिए बनाई गई नाली में घुसकर छिप गया था। उसने खुद को नाली में मौजूद कचरे से ढक लिया था। फरार हुए आरोपी को पकड़ने के लिए की में गठित कर तलाशी के लिए लगाई गई थी। इसी बीच रात लगभग दो बजे जब वह नाली से निकलकर भागने की कोशिश करने लगा तो जेल के सिपाही योगेंद्र पटेल ने उसकी आहट सुन ली और उसे दबोच लिया गया।
अस्पताल में चल रहा इलाज
जेल की दीवार कूदने के कारण आरोपी लल्लन का एक पैर टूट गया है जिसके कारण उसे इलाज के लिए शासकीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदी के फरार होने में जेल के सिपाही रामकरण श्रीवास की लापरवाही उजागर हुई है उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किए गए जेल कर्मी रामकरण को मरम्मत कार्य के दौरान सीढ़ी की निगरानी के लिए लगाया गया था। उसी की सुरक्षा में चूक के कारण आरोपियों को भगाने का मौका मिल गया था।