श्रीकृष्ण भगवान ही नहीं धर्म, नीति,न्याय लोकहित और भक्ति के संगम: पंडित नितिन शर्मा

Lord Krishna is not only God but also a confluence of religion, ethics, justice, public welfare and devotion: Pandit Nitin Sharma
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर “धर्म और न्याय के प्रतीक श्री कृष्ण” विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन हुआ जब इंद्र ने अहंकारवश वर्षा का प्रकोप किया, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर वृंदावनवासियों की रक्षा की।
हरिप्रसाद गोहे
आमला ! यह प्रसंग हमें सिखाता है कि केवल देवताओं पर नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति, पर्वत, नदियाँ, जंगल इन सबका भी आदर करना चाहिए।आज के पर्यावरण संकट के युग में यह शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।उक्त आशय के विचार श्री धाम वृंदावन से पधारे भागवत मर्मज्ञ प राहुल शुक्ला ने व्याख्यान माला में व्यक्त किए।
धर्म और न्याय के प्रतीक श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर रेलवे इंस्टीट्यूट सभागार में व्याख्यानमाला का आयोजन रखा गया था। श्री रामभक्त हनुमान मंदिर समिति रेलवे कालोनी आमला,प्रगतिशील व्यापारी संघ आमला,गीता जयंती उत्सव समिति एवं श्री कृष्ण लीला फाउंडेशन आमला द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्री धाम वृंदावन से भगवत मर्मज्ञ प राहुल शुक्ला जी तथा प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक प नितिन शर्मा ने श्री कृष्ण के जीवन चरित्र और उनके संदेशों सहित गीता पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एस के गुप्ता स्टेशन प्रबंधक रेलवे आमला,नितिन गाडरे नपा अध्यक्ष आमला,वसंत सूर्यवंशी एस एस ई सी एंड डब्लू आमला, बी एस मीणा सब इंस्पेक्टर आर पी एफ, डी के साहू टी आई रेलवे आमला,पंकज पाठक ट्रेन मैनेजर,अनिल पाल,बी पी धामोडे मुख्य ट्रस्टी गायत्री परिवार आमला तथा श्री अनिल सोनी अध्यक्ष प्रगतिशील व्यापारी संघ आमला उपस्थित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता रेलवे कालोनी आमला की वरिष्ठ पार्षद ओमवती विश्वकर्मा ने की।अन्य अतिथियों में पार्षद पद्मिनी भंबरकर, अलका मानकर, समाजसेवी कविता सूर्यवंशी आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के सूत्रधार एडवोकेट प राजेंद्र उपाध्याय ने कहा कि श्रीकृष्ण केवल एक युगपुरुष नहीं, बल्कि युगों-युगों के पुरुषोत्तम हैं।

उनका जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा, सत्य का पालन और भक्ति का मार्ग ही वास्तविक जीवन मूल्य हैं।
यदि हम अपने जीवन में गीता का एक छोटा सा अंश भी आचरण में उतार पाए, तो जीवन सफल हो जाएगा।
व्याख्यान माला में प नितिन शर्मा ने कहा किआज के संदर्भ में श्रीकृष्ण
आज हम सब आधुनिक जीवन की दौड़ में उलझे हुए हैं।
तनाव, स्पर्धा और भौतिकता के बीच श्रीकृष्ण का संदेश हमें संतुलन देता है।
उनकी बांसुरी हमें याद दिलाती है कि जीवन केवल संघर्ष नहीं, बल्कि आनंद भी है।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि एस के गुप्ता ने कहा किआज की व्यस्त जीवनशैली में भी गीता का यह संदेश मार्गदर्शक है “अपने कर्तव्य को निभाओ, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलो।”
कार्यक्रम को नपा अध्यक्ष नितिन गाडरे एवं बी पी धामोंडे ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में आमंत्रित विद्वानों का सम्मान भी किया गया वही वरिष्ठ पार्षद ओमवती विश्वकर्मा सहित श्री रामभक्त हनुमान मंदिर के प्रमुख उमेश तायवाडे एवं मो शफी खान जी का भी सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का संचालन मनोज विश्वकर्मा ने किया,आभार प्रदर्शन करते हुए आयोजन समिति के जितेंद्र शर्मा ने कहा कि भागवत गीता न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी सर्वमान्य है।आलोंपिक विजेता मनुभाकर और अमेरिका की रक्षा प्रमुख तुलसी गाबार्ड भी अपने साथ गीता रखती है गीता का सार हमें जीवन जीने की कला सिखाता है।