मां बगलामुखी मंदिर में गैर पंडा-पुजारियों का बढ़ता अवैध दखल — प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल, SDM की भूमिका पर चर्चा तेज
The growing illegal interference of non-priests at the Maa Baglamukhi Temple—questions raised about administrative negligence, and the SDM’s role is being debated.
चंदा कुशवाह ( संवाददाता )
नलखेड़ा ! विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर में शासन द्वारा नियुक्त पंडा-पुजारियों के बावजूद गैर अधिकृत व्यक्तियों का मंदिर परिसर और गर्भगृह में लगातार दखल बढ़ता जा रहा है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि कुछ लोग बिना किसी अधिकार के गर्भगृह व पांडाल में रुककर पूजा-पाठ की परंपराओं में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिससे मंदिर की मर्यादा और अनुशासन पर असर पड़ रहा है।
मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी मां बगलामुखी मंदिर प्रबंधन समिति की है, जिसके पदेन अध्यक्ष SDM नलखेड़ा हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब मंदिर का संचालन सीधे SDM के अधीन है, तो इस प्रकार की अव्यवस्था पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
“SDM मंदिर के अध्यक्ष हैं, सभी गतिविधियाँ उनके संज्ञान में रहती हैं”
मंदिर से जुड़े एक प्रमुख पुजारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि —
“मां बगलामुखी मंदिर का संचालन मंदिर प्रबंधन समिति के माध्यम से होता है, जिसके अध्यक्ष SDM हैं। मंदिर में जो भी गतिविधियाँ होती हैं, वे सामान्यतः प्रशासन के ज्ञान में रहती हैं। हम सिर्फ अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं, बाकी प्रशासनिक व्यवस्था उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आती है।”
इस बयान से यह साफ झलकता है कि मंदिर परिसर की प्रशासनिक जिम्मेदारी पूरी तरह SDM और प्रबंधन समिति पर है।
जनचर्चा में प्रशासन की निष्क्रियता
स्थानीय श्रद्धालु और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि गैर पंडा-पुजारियों का प्रवेश और गतिविधियाँ प्रशासन की अनदेखी का परिणाम हैं।
नवरात्रि से पूर्व हुई मंदिर समिति की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था, लेकिन इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
लोगों का कहना है कि मां बगलामुखी मंदिर, जो नलखेड़ा की पहचान और श्रद्धा का प्रतीक है, उसकी मर्यादा की रक्षा के लिए प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
श्रद्धालुओं की मांग
श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों ने शासन-प्रशासन से यह प्रमुख मांगें रखी हैं —
- मंदिर परिसर में गैर पंडा-पुजारियों की गतिविधियों की जांच करवाई जाए।
- मंदिर में व्यवस्था और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए स्थायी निगरानी तंत्र बनाया जाए।
- SDM नलखेड़ा, जो मंदिर समिति के अध्यक्ष हैं, वे स्वयं स्थिति का निरीक्षण करें और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें।