प्रदेश की जनता सीधे चुनेगी नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष, राइट टू रिकॉल भी होगा लागू
The people of the state will directly elect the Municipal Council and Municipal Council President, Right to Recall will also be implemented
भोपाल ! एक दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Madhya Pradesh Legislative Assembly Winter Session) में सरकार नगर पालिका अधिनियम में संशोधन का विधेयक लाएगी। जिसमें जनता द्वारा सीधे नगर पालिका व नगर परिषद का अध्यक्ष चुने जाने का प्रविधान होगा।
मझौली नगर परिषद के उपचुनाव से प्रविधान लागू हो जाएगा
मझौली नगर परिषद के उपचुनाव से ही यह प्रविधान लागू हो जाएगा। निर्वाचित अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास होने पर राइट टू रिकॉल के तहत वापस भी बुलाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही दस हजार करोड़ रुपये से अधिक के द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई।
संशोधन विधेयक लाया जाएगा
तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन करके पार्षदों के बीच में से अध्यक्ष चुनने की व्यवस्था लागू की थी। शिवराज सरकार में इसी प्रविधान से चुनाव हुए। अब 2027 में चुनाव प्रस्तावित हैं। पार्षदों द्वारा अध्यक्ष पर दबाव बनाने सहित अन्य शिकायतों को देखते हुए मोहन यादव सरकार ने नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने का प्रविधान अध्यादेश के माध्यम से किया। अब इसके स्थान पर संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
नए वाहनों के लिए विभागों को राशि नहीं दी जाएगी
वहीं, विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले द्वितीय अनुपूरक बजट के प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी गई। सूत्रों का कहना है कि यह दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसमें कोई भी नई योजना प्रारंभ नहीं होगी। नए वाहनों के लिए विभागों को राशि नहीं दी जाएगी।
बलिदानी आशीष के भाई को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
माओवादी विरोधी अभियान के दौरान पुलिस-नक्सल मुठभेड़ मे 19 नवंबर 2025 को बलिदान हुए विशेष सशस्त्र बल के निरीक्षक आशीष शर्मा के छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षण नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्वजन को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति भी प्रदान की गई।