नौ दिन से जारी सियासी उथल-पुथल पर लगा विराम, भजन लाल शर्मा होंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री।
The political turmoil that has been ongoing for nine days has come to a halt, and Bhajan Lal Sharma will be the Chief Minister of Rajasthan.
भाजपा विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा के नाम पर सर्वसम्मति से लगी मुहर।
राजस्थान में भी बने दो उप मुख्यमंत्री, दीया कुमारी और प्रेमचंद्र बैरवा के नाम का एलान।
अजमेर से विधायक वासुदेव देवनानी को राजस्थान विधानसभा का स्पीकर चुना गया।
संतोष सिंह तोमर
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए जारी सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया। तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। इस बीच भाजपा ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की और विधायक दल की बैठक में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे भजनलाल शर्मा के नाम पर मुहर लगी।
राजस्थान के लिए भी दो उप मुख्यमंत्री के नाम का भी एलान किया गया है। उप मुख्यमंत्री के लिए विधाधर नगर सीट से विधायक दीया कुमारी और विधायक प्रेमचंद्र बैरवा का नाम फायनल कर दिया गया है। इसके साथ ही अजमेर से विधायक वासुदेव देवनानी को राजस्थान विधानसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। इससे पहले पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े को बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजा था। हम आपको याद दिला दें कि राजस्थान में करणपुर विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव कराए गए थे।
इसके नतीजे 3 दिसंबर को आए। राजस्थान विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान में कांग्रेस को पछाड़ कर भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस को 69 सीटें ही मिल सकीं। इसके अलावा 15 सीटें अन्य के खाते में गईं हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मनाने में लगा समय
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। वसुंधरा ने चुनावी नजीतों के बाद पार्टी के कई विधायकों को डिनर पार्टी दी थी, जिसे दबाव की राजनीति के तौर पर देखा गया था। इसके साथ ही वसुंधरा राजे के समर्थक विधायक वसुंधरा राजे को पुनः राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रयासरत थे। पार्टी नेतृत्व को उन्हें मनाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। हालांकि, नड्डा से मुलाकात के बाद वसुंधरा के सुर बदले-बदले नजर आए थे और उन्होंने खुद को पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता बताया था।
विधायक दल की बैठक में चुना गया नेता
इसके बाद पार्टी ने राज्य के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े के रूप में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लगाने और विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी की सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा को चुना गया।
विधायक बने सांसदों के इस्तीफे ने बढ़ा दी थी सरगर्मी
इससे पहले राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा और अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि पार्टी वसुंधरा के अलावा किसी दूसरे चेहरे पर दांव खेल सकती है।
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी चौंकाया
इससे पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाकर सभी चौंका दिया था। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह भी तय किया गया कि मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का चुना गया। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया था। वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री के लिए चुनकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य में दो डिप्टी सीएम होंगे और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह स्पीकर हो सकते हैं। इसी तरह से भाजपा शीश नेतृत्व ने राजस्थान में भी सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर फिर एक बार सभी को चौंका दिया है।