एम्स: नि:संतान दंपती के लिए जल्द शुरू होगी आईवीएफ सुविधा
AIIMS: IVF facility for childless couples will start soon
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने मनाया अपना स्थापना दिवस
आईवीएफ और ईटी पर सीएमई के साथ मनाया
भोपाल। राजधानी के एम्स में नि:संतान दंपती के लिए जल्द ही आईवीएफ सुविधा शुरू होने जा रही है। एम्स डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने जल्द से जल्द आईवीएफ सुविधा स्थापित करने की दिशा में काम करने के लिए प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग को बधाई दी। दरअसल गुरूवार को एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और भ्रूण स्थानांतरण (ईटी) पर एक सीएमई का भी आयोजन किया गया। जिसमें आईवीएफ-ईटी और हिस्टेरोस्कोपी तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में एम्स डायरेक्टर डॉ अजय सिंह मुख्य अतिथि थे और सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी विशेष अतिथि थे। जो अपनी टीम के साथ शामिल हुए क्योंकि 25 जनवरी विस्तारित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व (ई -पीएमएसएमए) अभियान का दिन भी है। उन्होंने इस बात की सराहना की कि स्थापना दिवस में आईवीएफ तकनीकों के प्रदर्शन के साथ आईवीएफ-ईटी जैसे प्रासंगिक विषय पर एक सीएमई भी शामिल की गई है। डॉ के पुष्पलता, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख और सीएमई की आयोजन अध्यक्ष ने वर्ष 2023 की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट और विभाग की भविष्य की योजनाएं प्रस्तुत की। एसओपी की एक पुस्तिका भी जारीडॉ. सिंह ने एम्स भोपाल में मातृ मृत्यु में क्लिनिकल ऑटोप्सी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। पुस्तक में मातृ मृत्यु के मामलों में शव परीक्षण करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है और इसे एम्स की एक विषयक टीम द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें प्रसूति एवं स्त्री रोग, फोरेंसिक मेडिसिन, पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन विभाग शामिल हैं।एम्स शुरू हुई नर्स-लेड क्लिनिक एम्स डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने नर्स-लेड क्लिनिक का उद्घाटन किया, जो स्वास्थ्य देखभाल नवाचार में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पहल, देश में अपनी तरह की पहली है, इससे मरीज देखभाल और नर्सिंग पेशे में एक नई क्रांति होगी। सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से 10:30 बजे के बीच संचालित होने वाले क्लीनिक शुरू में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों रेडियोथेरेपी और ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसाइंसेज/न्यूरोसर्जरी/न्यूरोलॉजी और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर संचालित होंगे। क्लीनिक का लक्ष्य नैदानिक उत्कृष्टता और पैशनेट केयर पर जोर देते हुए नर्सिंग सेवाओं की भूमिका को फिर से परिभाषित करना है। इस अवसर पर डॉ सिंह ने कहा कि नर्स-लेड क्लीनिकों की स्थापना स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह न केवल नर्सों के नैदानिक प्रशिक्षण को बल्कि नर्सिंग के सभी मानकों को बढ़ाएगा। इससे नर्सिंग छात्रों के नैदानिक कौशल में सुधार होगा और रोगी की संतुष्टि को बढ़ाने के लिए पैशनेट केयर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।