July 11, 2025

4.1 करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा, रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान

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Prime Minister's package announced for 4.1 crore youth, provision of Rs 1.48 lakh crore for employment

Prime Minister's package announced for 4.1 crore youth, provision of Rs 1.48 lakh crore for employment

Prime Minister’s package announced for 4.1 crore youth, provision of Rs 1.48 lakh crore for employment

मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज यानी 23 जुलाई को पेश कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान देश के युवाओं की नाराजगी को दूर करने के लिए कई अहम कदमों का एलान किया। नीट-यूजी, नेट जैसी परीक्षाओं में धांधली और रोजगार की समस्या को लेकर केवल विपक्ष ही सरकार पर हमलावर नहीं है, बल्कि देश के युवाओं में भी रोष है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सरकार ने अंतरिम बजट में छात्रों-युवाओं के लिए क्या एलान किया और इससे पहले अंतरिम बजट में उनके लिए क्या-क्या घोषणाएं की गईं थीं।

प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए पांच योजनाओं और पहलों के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।’

रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत तीन योजनाओं पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (ईपीएफओ) पर आधारित होगी। इसके अलावा इस योजना के तहत पहली बार नौकरी कर रहे कर्मचारियों और नियोक्ताओं का ध्यान रखा जाएगा।’

योजना अ: पहली बार वालों के लिए
यह योजना के तहत सभी क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने की दिहाड़ी दी जाएगी। पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में पहला वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत होने के साथ ही यह न्यूनतम राशि 15 हजार रूपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।

योजना ख: विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां बढ़ाना
इस योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इस योजना से विनिर्माण क्षेत्र में पहली बार नौकरी कर रहे अतिरिक्त कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना में एक निर्दिष्ट पैमाने के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से विनिर्माण क्षेत्र में आने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को मदद मिलेगी।

योजना ग: नियाक्ताओं की मदद करना
यह योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार के लिए नियोक्ताओं पर केंद्रित की गई है। एक लाख रुपये वेतन वाले सभी कर्मचारियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा,’केंद्र सरकार नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक प्रति माह 3000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी। यह योजना 50 लाख लोगों के अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए स्वीकृत है।’

‘रोजगार से महिलाओं को जोड़ने की योजना’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उद्योंगो के साथ मिलकर ‘महिला हॉस्टल’ और ‘बालगृहों’ की स्थापना करेंगे। यह योजना महिला कौशल कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेगी।’
‘कौशल योजना’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘कौशल योजना में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। इसके तहत अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा।’

‘कौशल ऋण योजना’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ‘7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इससे हर वर्ष 25 हजार छात्रों को मदद मिलेगी।’

‘शैक्षणिक ऋण योजना’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘वे युवा, जो हमारी सरकार की योजनाओं से जुड़ने के लिए पात्र नहीं हैं। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ऐसे युवाओं को 10 लाख रुपये तक का ऋण देने में हम मदद करेंगे। घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए ऐसे युवाओं को शैक्षणिक ऋण दिया जाएगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर वर्ष एक लाख युवाओं को ‘ई वाउचर्स’ दिए जाएंगे। वार्षिक ब्याज सहायता के लिए सरकार की तरफ से कुल ऋण राशि का तीन प्रतिशत दिया जाएगा।’

अब जानते हैं अंतरिम बजट में क्या एलान किया गया था
वित्त मंत्री ने एक फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि स्किल इंडिया मिशन के तहत देश में 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड किया गया है। साथ ही 54 लाख को अपस्किल या रि-स्किल किया गया है। पीएम मुद्रा योजना के तहत युवा उद्यमियों को 43 करोड़ के मुद्रा योजना लोन दिए गए। देश में 3000 नए आईटीआई बनाए गए हैं। साथ ही देश में सात आईआईटी, 16 आईआईआईटी, सात आईआईएम, 15 एम्स और 390 यूनिवर्सिटीज का निर्माण किया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने सरकार पर हमेशा ही युवा वर्ग की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों के अनुसार सरकार युवा वर्ग में बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या को लगातार नजरअंदाज कर रही है। इसके साथ ही सेना में अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

पिछले बजट में युवाओं के लिए हुए थे ये एलान

युवाओं के लिए नौकरी के लिए बजट 2023 में सरकार ने 740 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों के लिए 38,800 अध्यापकों और सहयोगी स्टाफ की भर्ती करने का एलान किया था।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च की गई थी। जिसके तहत लाखों युवाओं को कोडिंग, रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन तकनीक आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है।
30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर विभिन्न राज्यों में बनाने का एलान किया गया था।
एमएसएमई सेक्टर के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत नौ हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का एलान हुआ था।
देश में साल 2014 तक बने 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का एलान किया गया।

इस बार के बजट में युवाओं को सरकार से क्या अपेक्षा है?
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा वर्गा को भी कई अपेक्षाएं हैं। वर्तमान में देश में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज-रोटी सुनिश्चित करने की है। युवा वर्ग की ओर से लगातार सरकार से इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की अपील की जा रही है। मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को राोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए पर वे कदम जमीन पर नाकाफी ही साबित हुए हैं। ऐसे में युवा वर्ग इस बार उम्मीद कर रहा है सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरतापूर्वक जमीन पर उतारे जा सकें, न कि वे केवल हवा-हवाई बनकर रह जाएं।
नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर लिस्टेड पदों की संख्या बढ़कर 1.09 करोड़ हो गई है, जबकि नौकरी के लिए पंजीकरण करवाने वालों की संख्या 87.2 लाख ही है। नौकरी की संख्या बढ़ने के बावजूद युवाओं को काम नहीं मिल पा रहा इसकी वजह जॉब के लिए पैरामीटर्स पर उम्मीदवार का खरा न उतरना है। कुछ मामलों में संविदा या कम वेतन होने पर लोग नौकरी के लिए आवेदन नहीं करते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए भी सरकार से इस बजट में कदम उठाने की अपेक्षा है। बजट पूर्व बैठकों में सीआईआई ने सुझाव दिया है कि नए रोजगार पैदा करने के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देना चाहिए। देश में पीएम कौशल विकास योजना चलाई जा रही है, जिसमें आने वाले सालों में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा जा चाहिए।

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