क्या बंद हो जाएगी लाड़ली बहना योजना? सूत्रों के हवाले से उठ रहे सवाल
Will the Ladli Behna Yojana be discontinued? Questions are being raised from sources
भोपाल। मध्य प्रदेश की प्रमुख योजनाओं में शुमार लाड़ली बहना योजना पर संकट के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर एफ़डीएमपी (FDMP) के तहत लगाए गए प्रतिबंध के बाद, इस योजना के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। वित्त विभाग की ओर से कई सरकारी योजनाओं की समीक्षा के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि क्या लाड़ली बहना योजना बंद होने की कगार पर है?
सूत्रों की मानें, तो सरकार उन योजनाओं पर पुनर्विचार कर रही है जो अपनी मौजूदा स्थिति में वित्तीय बोझ बन चुकी हैं या जिनका राजनीतिक लाभ अपेक्षाओं से कम रहा है। लाड़ली बहना योजना भी उन योजनाओं में शामिल हो सकती है जिन पर वित्तीय अनुशासन के मद्देनज़र कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। यह योजना भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी उपलब्धियों में गिनी जाती रही है, जिसने पार्टी को 29/29 सीटों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में इसके बंद होने की अटकलों ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है।
वित्त विभाग से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, “अभी तक किसी योजना को बंद करने का औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन मौजूदा वित्तीय स्थिति और FDMP के सख्त नियमों को ध्यान में रखते हुए कई योजनाओं की समीक्षा की जा रही है। लाड़ली बहना योजना भी इसमें शामिल हो सकती है।”
इसके बावजूद, सरकारी सूत्रों से यह भी खबर है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके करीबी सहयोगी इस योजना को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि योजना का उद्देश्य महिलाओं और गरीब वर्ग को आर्थिक सहायता देना है, इसका राजनीतिक महत्व भी काफी बड़ा है। यदि यह योजना बंद होती है, तो राज्य सरकार को विपक्ष और जनता की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
जानकारों के मुताबिक, वित्त विभाग के पास मौजूदा परिस्थितियों में विकल्प सीमित हैं। “अगर योजना बंद नहीं होती, तो इसे नए स्वरूप में लाने का प्रस्ताव भी सामने आ सकता है, जिसमें लाभार्थियों की संख्या कम की जा सकती है या योजना के लिए नए मापदंड तय किए जा सकते हैं,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
हालांकि, अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि अगले कुछ हफ्तों में इस पर सरकार की तरफ से कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि किस तरह इस योजना को राज्य की वित्तीय नीतियों के अनुरूप बनाया जा सके।
अंततः, क्या यह योजना बंद होगी या इसे नई शक्ल में पेश किया जाएगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। तब तक, लाड़ली बहना योजना के भविष्य पर कई सवाल बने हुए हैं, जिनके जवाब का इंतजार प्रदेश की जनता के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी किया जा रहा है।