स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है: बड़ोनिया ।

A healthy mind resides in a healthy body: Bardoniya
- थाना प्रभारी आर पी एफ आमला ने भी खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दिया।
हरिप्रसाद गोहे
आमला । मध्य प्रदेश शासन खेल ऑर युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ग्रीष्म कालीन खेल प्रशिक्षण शिविर के शुभारम्भ अवसर पर खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आमला ने कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है,समर कैंप के माध्यम से खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभाओं को निखारने का अवसर तो मिलता ही है साथ ही इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से खिलाड़ी न केवल खेलो की बारीकियां सीखते है
बल्कि श्रेष्ठ प्रशिक्षको के माध्यम से सही दिशा मिलती है उक्त आशय के विचार शैलेन्द्र बड़ोनिया एस डी एम आमला ने समर कैंप के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए । बड़ोनिया ने कहा कि शिविर में प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा।खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा समर कैंप का आयोजन रेलवे स्टेडियम रेलवे कालोनी आमला में शुरू हुआ।आज शुभारंभ के अवसर पर शैलेन्द्र बड़ोनिया एस डी एम आमला मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।वही विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरिमोहन निरंजन थाना प्रभारी आर पी एफ रेलवे आमला उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरिमोहन निरंजन ने कहा की इस प्रकार खेलकूद के आयोजन के माध्यम से खेल प्रतिभाओं को उचित अवसर मिलते है।ओर खेलो के माध्यम से वे अपना कैरियर भी संवारते है।कार्यक्रम को अन्य अतिथि प्रकाश चौधरी,रविशंकर पटेल सी आर एम एस, एम के ठेपे एन आर एम यू ने भी संबोधित किया,इस अवसर पर पत्रकार सतीश बौरासी,सुनील अग्रवाल,पत्रकार अजय बचले,नितेश साहू मप्र जन अभियान परिषद आमला,इमरान खान,समाजसेवी मनोज विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।

समर कैंप की जानकारी देते हुए रामनारायण शुक्ला ने बताया की इस समर कैंप में खो खो,हाकी सहित अन्य खेलो का प्रशिक्षण दिया जाएगा।प्रशिक्षण एक माह का प्रशिक्षण रहेगा यह प्रशिक्षण निःशुल्क है तथा प्रशिक्षण उपरांत विभाग द्वारा प्रमाणपत्र भी प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान किए जाएंगे।यह कैंप रेलवे स्टेडियम रेलवे कालोनी आमला 5 मई से 5 जून तक प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक ओर शाम 5 बजे से 7 बजे तक आयोजित होगा,प्रसिद्ध प्रशिक्षक हरिभाऊ झरबडे,आशीष रितिक प्रजापति,आशीष,दुर्गेश आदि प्रशिक्षण देंगे।इच्छुक खिलाड़ी इसमें जरूर भाग ले।आभार प्रदर्शन रामनारायण शुक्ला ने किया।