उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के पहले स्पिरिचुअल सिटी बनाई जाएगी
उज्जैन
सिंहस्थ महापर्व 2028 से पहले धर्मधानी उज्जैन में स्थित चौरासी महादेव मंदिरों का जीर्णोंद्धार होगा। उज्जैन विकास प्राधिकरण ने इसके लिए 30 करोड़ रुपये से योजना तैयार की है। स्वीकृति के बाद काम शुरू हो जाएगा।
पुराणों में महाकाल वन में चौरासी महादेव का उल्लेख है। भक्त प्रतिवर्ष श्रावण मास तथा प्रत्येक तीन वर्ष में आने वाले अधिकमास के दौरान चौरासी महादेव मंदिरों की यात्रा करते हैं। इस बार भी श्रावण मास में 22 जुलाई से चौरासी महादेव यात्रा शुरू होगी, जो 19 अगस्त तक चलेगी। पुराने शहर की सघन बस्ती तथा शिप्रा किराने चौरासी महादेव के मंदिर हैं।
कुछ मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण पसरा है। कुछ जमीनों पर अवैध निर्माण भी हो गए हैं। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधा के इंतजाम नहीं है। ऐसे में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा मंदिरों के उन्नयन तथा विकास की योजना बनाई गई है। सिंहस्थ से पहले इनका कायाकल्प हो जाएगा। यहां आने वाले दर्शनार्थियों को सुविधा के साथ बेहतर आध्यात्मिक वातावरण मिलेगा।
अध्ययन के बाद तैयार कराई डिजाइन
उविप्रा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार सोनी ने बताया कंसलटेंट से मंदिरों का अध्ययन कराकर डिजाइन तैयार कराई गई है। विचार विमर्श के बाद, जो योजना तैयार हुई है इसमें मंदिरों का विकास, आसपास की खाली जमीन का विकास, बाउंड्रीवाल, अप्रोच, फसाड, रंगरोगन, लाइटिंग, हरियाली तथा नाली आदि का निर्माण शामिल है। जिन मंदिरों में जिस प्रकार के काम की आवश्यकता होगी वह कराया जाएगा। कुल मिलकर मंदिरों के संपूर्ण विकास की योजना बनाई गई है।
पिछले सिंहस्थ में भी हुआ था काम
चौरासी महादेव मंदिरों को लेकर सिंहस्थ 2016 में भी योजना बनाई गई थी। इसके तहत कई मंदिरों में परिसर आदि का निर्माण भी कराया गया था। प्राचीन मंदिर काले पत्थरों से निर्मित है, लेकिन शिखर पर रंगरोगन तथा मरम्मत आदि के काम किए गए थे। इस बार महापर्व के पहले से संधारण शुरू होगा, इससे काम में गुणवत्ता भी बनी रहेगी।
भगवान शिव की विशाल मूर्ति के साथ होंगे 12 ज्योतिर्लिंग
जानकारी के मुताबिक यह सिटी उज्जैन से 15 किमी दूर बनाई जाएगी, जिसके लिए 150 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। यहां भगवान भोलेनाथ की मूर्ति के चारों ओर देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग के स्वरूप स्थापित किए जाएंगे। यहां ज्योतिर्लिंग के साथ अपनाई जाने वाली पूजा पद्धति की जानकारी भी रहेगी, ताकि आने वाले श्रद्धालु 12 अलग-अलग ज्योतिर्लिंग में की जाने वाली पूजा के आधार पर पूजन कर सकें।
उज्जैन में बनेगा म्यूजियम
सिंहस्थ के पहले उज्जैन में बड़ा म्यूजियम बनाने की तैयारी भी की जा रही है। यह म्यूजियम कोठी एरिया में बनाया जाएगा। इसमें विक्रमादित्य के शासन काल के साथ भगवान कृष्ण, महाकाल बाबा और अन्य धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए मूर्तियों और अन्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक वस्तुओं को रखा जाएगा, ताकि श्रद्धालु म्यूजियम में जाकर उज्जैन के गौरवशाली इतिहास और धार्मिक महत्व से परिचित हो सकें।