भाजपा एक ऐसी पार्टी, जिसमें कोई कार्यकर्ता कब पीएम-सीएम बन जाए कोई नहीं जानता
BJP is such a party in which no one knows when a worker will become PM-CM.
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अशोक काल से है मप्र और बिहार का गहरा रिश्ता
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरूवार को मंच पर पहुचंते ही अपने उद्बोधन की शुरुआत मप्र और बिहार के हजारों वर्षों के पुराने रिश्ते से की। इस मौके पर पटना में श्री कृष्ण चेतना विचार मंच की ओर से आयोजित समारोह में भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बिहार में किस बात की कमी है। कोई ऐसा राज्य ऐसा नहीं जहां बिहार के आईएएस-आईपीएस नहीं हैं। एकमात्र राज्य बिहार है, जिसे यह सौभाग्य मिला है। बिहार हर क्षेत्र के अंदर अपनी पहचान बनाई हुई है। सभी क्षेत्रों में बिहार के लोगों की अपनी पहचान है। आपातकाल के समय बिहार ही आगे आया और लोकतंत्र को बचाने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार और आगे जा सकता था। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि एक समय था जब देश में पांच बीमारू राज्य थे, लेकिन चार राज्य विकास की दृष्टि से बहुत आगे निकल गए, लेकिन बिहार वहीं ठहरा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आने वाले समय में बिहार काफी आगे बढ़ेगा। बिहार में संभावनाओं की कमी नहीं है।
आपातकाल के दौरान बिहार ने दिया संघर्ष के शंखनाद का उदाहरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। यहां के कार्यकर्ताओं को ऐसा प्रशिक्षण, शिक्षण मिलता है जहां राष्ट्रभक्त के रूप में लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया जाता है। यादव ने कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जहां छोटे छोटे कार्यकर्ता भी कब पीएम और सीएम बन जाए कोई नहीं जानता। उन्होंने बिहार की तारीफ करते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि 2000-3000 साल पहले यह प्रदेश ही लोकतंत्र का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। यही नहीं आपातकाल के दौरान भी बिहार ने संघर्ष का शंखनाद कर देश में उदाहरण प्रस्तुत किया।
उनके पिता मिल मजदूर रहे हैं
मुख्यमंत्री ने पटना प्रवास के दौरान इस्कॉन मंदिर जाकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन किए। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण और राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं के समक्ष नमन किया। इस मौके पर डॉ. यादव ने विभिन्न कार्यक्रमों में अपने पिता और परिवार के सदस्यों के संघर्षपूर्ण जीवन का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता मिल मजदूर रहे हैं। उन्होंने अनेक कठिनाइयों के बीच जीवन जीया। आर्थिक दिक्कतों के बावजूद परिवार से मिले संस्कार महत्व रखते हैं। कितनी भी विपरीत परिस्थितियां हों, व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए। अपने आराध्य का स्मरण अवश्य करना चाहिए। निरंतर कर्म से व्यक्ति को पहचान और प्रतिष्ठा मिलती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कठिनाइयों के बीच जीवन बिताया।