मौन तोड़ें: पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता ।
डॉ. संदीप गोहे, मनोवैज्ञानिक, SIF बैतूल
Break the silence: The need to address men’s mental health.
हरिप्रसाद गोहे
आमला/बैतूल। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) एक ऐसा दिन है जो हमें The need to address men’s पर गहराई से सोचने और उन मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है जो अक्सर नज़रअंदाज़ किए जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख मुद्दा है पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य। मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ती जागरूकता के बावजूद, पुरुषों को The need to address men’s सेवाओं तक पहुंचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
समाज द्वारा लगाए गए कठोर मानदंडों के कारण पुरुष अपनी मानसिक स्थिति पर बात करने में संकोच करते हैं, जिससे वे चुपचाप अंदर ही अंदर टूटते रहते हैं।
SIF बैतूल जैसी संस्थाओं में काम करते हुए, हम इस चुनौती का सामना कर रहे पुरुषों के लिए समर्थन प्रदान कर रहे हैं। हमारे काम ने हमें यह दिखाया है कि पुरुषों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा करना गंभीर परिणाम दे सकता है। बहुत सारे पुरुष अवसाद, चिंता और यहां तक कि आत्मघाती विचारों से जूझते हैं, लेकिन मदद मांगने से बचते हैं क्योंकि उन्हें कमजोर दिखने का डर होता है। यह सामाजिक दबाव उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर कर देता है।
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झूठे आरोपों का मानसिक प्रभाव
हमारे काम में एक प्रमुख फोकस रहा है — पुरुषों पर झूठे आरोपों का मानसिक प्रभाव। विभिन्न कानूनी और सामाजिक मामलों में झूठे आरोप पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डालते हैं। जब पुरुषों पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं, तो वे न केवल कानूनी समस्याओं से जूझते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक तनाव से भी गुजरते हैं। इस तनाव के परिणामस्वरूप गंभीर अवसाद, चिंता और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ऐसे पुरुष, जो झूठे आरोपों का सामना करते हैं, अपनी आत्म-सम्मान, सामाजिक प्रतिष्ठा, और पारिवारिक संबंधों को भी खो देते हैं। उन पर समाज का दबाव और कलंक उन्हें अलग-थलग कर देता है, जिससे वे और भी गहरे अवसाद में डूब जाते हैं। हमारे अनुभव में, इन पुरुषों को बिना उचित मानसिक समर्थन के छोड़ देना, उनकी मानसिक स्थिति को और भी खराब कर देता है।
हमारे प्रयास और समाधान
SIF बैतूल में, हम उन पुरुषों के लिए मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और परामर्श प्रदान करते हैं, जो झूठे आरोपों, व्यक्तिगत समस्याओं, या अन्य मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमारी टीम उन पुरुषों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है, जो सिस्टम द्वारा उपेक्षित महसूस करते हैं। इसके अलावा, हमारा ऑल इंडिया हेल्पलाइन (8882498498) पूरे देश में पुरुषों की सहायता के लिए उपलब्ध है, ताकि वे अपनी समस्याओं को खुलकर साझा कर सकें और समय पर मदद प्राप्त कर सकें।
हम न केवल व्यक्तिगत समर्थन प्रदान करते हैं, बल्कि पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सामाजिक जागरूकता फैलाने और कानूनी सुधारों के लिए भी आवाज उठाते हैं। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमारे कानूनों का दुरुपयोग न हो और झूठे आरोपों के कारण मानसिक पीड़ा झेल रहे पुरुषों के लिए न्याय और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता हो। हमारा उद्देश्य एक ऐसी व्यवस्था बनाना है जहाँ पुरुष अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात कर सकें और उन्हें समाज द्वारा सहारा मिले।
पुरुषों की मानसिक स्थिति पर धारणाएं बदलने की जरूरत
समाज में यह धारणा आम है कि पुरुष हमेशा मजबूत होते हैं और उन्हें भावनात्मक समस्याएं नहीं होतीं। लेकिन यह सोच वास्तविकता से बहुत दूर है। पुरुष भी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करते हैं, और उन्हें भी उसी तरह के समर्थन और देखभाल की आवश्यकता होती है, जो महिलाओं या अन्य समूहों को मिलती है। हमें इस बात को स्वीकार करना होगा कि मदद माँगने में कोई कमजोरी नहीं है। यह समय है कि हम पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी दृष्टिकोण को बदलें और इसे सामान्य बनाने के लिए काम करें।
आगे की राह
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस इस बात की याद दिलाता है कि मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वजनिक मुद्दा है, जिसे सभी के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए—चाहे वह पुरुष हो, महिला हो या कोई और। हम समाज से अपील करते हैं कि वे पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सहानुभूति दिखाएँ और उन्हें समर्थन देने के लिए हाथ बढ़ाएँ।
SIF बैतूल में, हम उन पुरुषों की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं जो मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि कोई भी पुरुष मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित न रहे, और उन्हें समाज और समुदाय का पूरा सहयोग मिले।