November 21, 2024

सोशल मीडिया पर प्रचार से पहले लेनी होगी अनुमति, आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

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Permission must be obtained before advertising on social media, as per the guidelines issued by the commission.

ECI; Katni; Election Commission; BJP; Congress; INC, AAP; SP; BSP;

Permission must be obtained before advertising on social media, as per the guidelines issued by the commission.

Permission must be obtained before advertising on social media, as per the guidelines issued by the commission.

Mohan Nayak
कटनी, सोशल मीडिया और वेबसाइट पर चुनावी प्रचार के लिये भी अनुमति लेनी होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया और वेबसाइट भी रेडियो-केबल टीव्ही की तरह इलेक्ट्रोनिक मीडिया हैं। जिस पर किए जाने वाले चुनाव प्रचार को कानूनी रूप में विनियमित करना आयोग का अधिकार है।
सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले चुनावी प्रचार का खर्चा संबंधित प्रत्याशी के खाते में शामिल किया जाएगा । साथ ही राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों से भी कहा है कि बिना अनुमति के सोशल मीडिया का उपयोग चुनावी प्रचार में न करें।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों में साफ किया गया है कि सोशल मीडिया मसलन एक्स, फेसबुक, यूट्यूब, विकीपीडिया और एप्स पर कोई भी विज्ञापन या एप्लीकेशन देने से पहले इसकी अनुमति अवश्य ली जाए। यह अनुमति मीडिया सर्टिफिकेशन ऑफ मॉनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) देगी। इसके लिये राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा।

सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापन का खर्चा भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल होगा। चुनावी खर्चे में उन व्यक्तियों एवं टीम के वेतन व भत्ते भी शामिल होंगे, जो उम्मीदवार या राजनैतिक दल का सोशल मीडिया एकाउण्ट या वेबसाइट संचालित करने का काम करते हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता पूरी तरह से लागू रहेगी। साथ ही वेबसाइट और सोशल मीडिया एकाउण्ट पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री इसके अधीन रहेगी।

बल्क में भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी कराना होगा प्रमाणन

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी इन्हें जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य किया है ।

आयोग ने कहा है कि यह जरूरी है कि बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज की भी मॉनीटरिंग की जाये ताकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इस सुविधा का दुरूपयोग न हो सके तथा निर्वाचन नियमों एवं आदर्श आचार संहिता का किसी तरह से उल्लंघन न हो । आयोग ने बल्क एसएमएस को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का ही एक हिस्सा मानते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भेजे जाने वाले सभी तरह के बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज भेजने पर किया गया खर्च राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय लेखे में शामिल करना होगा । आयोग ने कहा सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा ।

विधानसभा चुनाव- हवाई अड्डों पर भी रखी जायेगी नजर

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन वाले राज्यों में चार्टर्ड विमानों, हेलीकॉप्टरों एवं वाणिज्यिक विमानों के माध्यम से अनाधिकृत रूप से अस्त्र-शस्त्र, निषिद्ध वस्तुओं अथवा बड़ी मात्रा में नकदी एवं बहुमूल्य धातुओं के परिवहन पर रोक लगाने के उद्देश्य से हवाई यात्रा करने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिये हैं ।

आयोग ने कहा कि मतदान वाले राज्यों में चुनावी प्रक्रिया के समय हवाई अड्डे पर यात्रियों व सामानों की तलाशी तथा जांच संबंधी सभी नियमों व पद्धतियों का बिना किसी अपवाद के कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए ।

आयोग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) को निर्वाचन वाले राज्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा संबंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी को चार्टर विमान या हेलीकॉप्टर की यात्रा योजना के बारे में कम से कम आधे घंटे पहले सूचित करना होगा ।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक चुनाव वाले राज्यों में वाणिज्यिक एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले और उतरने वाले सभी निजी विमानों या हेलीकॉप्टरों का एटीसी (विमान यातायात नियंत्रण) द्वारा रिकार्ड रखा जायेगा तथा इसकी सूचना की एक प्रति संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा उस जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी ।

आयोग के निर्देशों के मुताबिक निजी या चार्टर विमान अथवा कामर्शियल फ्लाईट या हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों के हाथ में ले जाये जाने वाले सामान सहित पूरे सामान की जांच हवाई अड्डे पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अथवा राज्य या केन्द्र शासित राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बिना किसी छूट के पूरी जांच करनी होगी ।

आयोग के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों को जांच में 10 लाख रूपये की नगदी अथवा एक किलो सोना या इससे अधिक मूल्य का सोना-चांदी, हीरा जवाहरात पाये जाने पर आयकर विभाग को तुरंत सूचित करना होगा । सूचना प्राप्त होने पर आयकर विभाग द्वारा आयकर नियमों के अनुरूप सत्यापन किया जायेगा और सत्यापन के दौरान संतोषजनक स्पष्टीकरण न दिये जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी । इस तरह की बहुमूल्य धातु या नगदी की मुक्ति के पहले आयकर विभाग को निर्वाचन आयोग, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचित करना होगा ।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा बल और आयकर विभाग को हवाई अड्डे पर यात्रियों की जांच, बहुमूल्य धातुओं या नकदी की खोज से लेकर जब्ती अथवा मुक्त करने तक का पूरी प्रक्रिया का संपादन सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में करना होगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन अवधि के दौरान प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों को प्रभावशील कर लागू किया है।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन में आदर्श आचार संहिता को सर्वोपरि मान्य किया गया है। आयोग ने कहा है कि समाचार माध्यमों से प्रकाशित-प्रसारित करने के पूर्व विज्ञापनों के मामले में यह सुनिश्चित किया जाए की उनमें नैतिकता एवं शिष्टता हो तथा किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आघात ना पहुंचे।
आयोग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए है कि ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नही किया जाए जो किसी भी जाति, धर्म, रंग, पंथ और राष्ट्रीयता का उपहास करता हो। ऐसा विज्ञापन जो संविधान के किसी भी उपबंध के विरूद्ध हो, प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं होना चाहिए।

इसी प्रकार अपराध करने, हिंसा करने या लोगों को भड़काने की प्रवृत्ति रखता हो, किसी भी प्रकार की अश्लीलता दर्शाता हो, राष्ट्रीय समप्रतीक का अनादर करता हो, नारी के लिए किसी भी प्रकार से अपमानजनक हो या उपहास करता हो, दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराईयों से लाभ उठाता हो आदि से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।

स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किये गये फोटो, वीडियो, मैसेज और कमेंट्स के प्रमाणन की आवश्यकता नहीं
ई-पेपर को जारी किये जाने वाले विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी

भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वेबसाईट, ब्लाँग अथवा ट्विटर, फेसबुक जैसे स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट और अपलोड की जाने वाली राजनैतिक सामग्री मसलन मैसेज, कमेंट्स, फोटो एवं वीडियो का पूर्व प्रमाणन कराने की आवश्यकता नहीं होगी ।

आयोग ने कहा कि यदि कोई राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार भी स्वयं के ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया एकाउंट पर इस तरह की सामग्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पोस्ट या अपलोड करता है तो उसे राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना जायेगा और इसके लिए उसे मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनीटरिंग कमेटी से प्री-सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी ।

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट, वेबसाईट, ब्लॉग एवं ई-मेल आई.डी. का उल्लेख नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले शपथ पत्र में अनिर्वाय रूप से करना होगा। हालांकि आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया के स्वयं के एकाउंट से पोस्ट या अपलोड किये गये मैसेज, कमेंट्स, चित्र एवं वीडियो से यदि किसी व्यक्ति, समुदाय, धर्म, सम्प्रदाय की भावनायें आहत होती है तो उसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में माना जायेगा और इसके लिए उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही भी की जायेगी ।

भारत निर्वाचन आयोग ने समाचार पत्रों के ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट की है । आयोग ने कहा है कि ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल या उम्मीदवारों को कराना जरूरी होगा।

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