दो बार की ट्रेनिंग के बाद भी मतदान का समय नहीं बता पाए कर्मचारी, 98 हो गए फेल.
Even after two rounds of training, the employee failed to specify the voting time, resulting in 98 failures.
पहले दिन चुनाव कराने 3276 कर्मचारियों ने दी परीक्षा, दोबारा लेना पड़ेगी ट्रेनिंग. भोपाल के 9018 कर्मचारियों की तीन दिन चलेगी ट्रेनिंग, ट्रेनिंग में फिर गायब रहे सौ अधिकारी-कर्मचारी
साकिब कबीर
भोपाल। जिले की बैरसिया, नरेला, उत्तर, मध्य, दक्षिण पश्चिम, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा में विधायक का चुनाव कराने के लिए अधिकारी और कर्मचारियों की दूसरे दौर की ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसके तहत सातों विधानसभा के 9 हजार 18 कर्मचारियों को ट्रेनिंग सोमवार से शुरु कर दी गई है। पहले दिन की ट्रेनिंग में 3 हजार 276 कर्मचारी पहुंचे, जिनकी ट्रेनिंग होने के बाद परीक्षा ली गई। इस परीक्षा में 98 कर्मचारी फेल हो गए। जो पेपर में दिए गए 25 में से आठ सवालों के जवाब तक नहीं दे पाए। दो बार ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारी-कर्मचारी परीक्षा में मतदान का समय और ईवीएम मशीन को क्लियर करने का तरीका तक नहीं बता पाए। अब मंगलवार को इन कर्मचारियों को दोबारा से ट्रेनिंग लेकर परीक्षा देना पड़ेगी।
सोमवार को दूसरे दौर की ट्रेनिंग का सुबह 8 बजे से पहला सत्र शुरू हुआ, जो दोपहर 2 बजे तक चला। इस दौरान उन्हें ईवीएम, मॉक पोल, वोटिंग, मतदान सामग्री लेने से लेकर जमा कराने तक की बारिकियां सिखाई गई। इसके बाद कर्मचारियों ने परीक्षा दी। इसके जरिए यह पता लगाया गया कि कर्मचारियों ने ट्रेनिंग को कितनी गंभीरता से लिया है। दोपहर 2 बजे के बाद दूसरा सत्र शुरू हो गया, जो शाम 7 बजे तक चला। मोतीलाल विज्ञान कॉलेज और महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में प्रत्येक सत्र में 900-900 कर्मचारियों को चुनाव से जुड़ी हर जानकारी दी जा रही है। 105 मास्टर ट्रेनर्स कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। मंगलवार और बुधवार को भी कर्मचारियों को दो सत्र में ट्रेनिंग देकर परीक्षा ली जाएगी।
पी-2 और पी-3 के लिए यह फाइनल ट्रेनिंग
पी-2 और पी-3 यानी मतदान कराने वाले कर्मचारियों के लिए यह फाइनल ट्रेनिंग है। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए उन्हें चुनाव आयोग की बुकलेट भी दी जाएगी। पीओ यानी पीठासीन अधिकारी और पी-1 यानी मतदान अधिकारी को एक बार फिर 13 और 14 नवंबर को फाइनल ट्रेनिंग दी जाएगी।
कर्मचारियों को नहीं पता मॉकपोल का समय
वोटिंग से पहले यदि कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट या वीवीपेट मशीन खराब हो जाए तो आप क्या करेंगे? मतदान से जुड़े इस तरह के 25 प्रश्न कर्मचारियों से ट्रेनिंग के बाद पूछे गए। कई कर्मचारी रियल मतदान शुरु होने के पहले मॉकपोल का समय भी नहीं बता पाए। इस बार सुबह सात से शाम छह बजे तक मतदान किया जाएगा। जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने बताया कि जो कर्मचारी इस परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें दोबारा से ट्रेनिंग लेकर परीक्षा देना पड़ेगी।