लोग स्वास्थ्य पर गंभीर नहीं सरकार :पंकज उपाध्याय

No development work was done in 1 year
Government is not serious about people’s health: Pankaj Upadhyay
भोपाल/जौरा। विधायक पंकज उपाध्याय ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हो कहा की सरकार जनता के स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है विधायक उपाध्याय ने विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से सरकार से पूछा कि कैग की रिपोर्ट पर सरकार के द्वारा क्या अमल किया गय जवाब में लोग स्वास्थ्य मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जवाब देते हुए उत्तर को घुमा दिया उन्होंने पूरे उत्तर में कैग की रिपोर्ट पर अमल करने का कोई भी उचित उत्तर नहीं दिया विधायक पंकज उपाध्याय ने पूछा कि कैग की 86% अनुशंसाओं पर कोई जवाब क्यों नहीं दिया गया क्या सरकार उनसे असहमत है या सहमत है सहमत है तो क्या कार्रवाई की गई परंतु स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने केवल पद भरने की बातों का आश्वासन दिया विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले सभी सत्रों में हमारे द्वारा अस्पतालों में डॉक्टरों की और स्टाफ की कमी को लेकर लगातार बात उठाई गई लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी सरकार के द्वारा कोई भी रिक्त पद नहीं भर गया कैग ने अपनी अनुशंसा में 317 निष्कर्ष के साथ लिखा कि मातृ मृत्यु दर नवजात शिशु मृत्यु दर आदि के लिए निष्ठा पूर्वक कार्य नही किया गया। प्रतिवेदन में नाम मात्र के जो उत्तर शासन ने दिए उसे एक भी उत्तर को केग ने स्वीकार नहीं किया । राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के मानक अनुसार स्वास्थ्य पर राज्य के बजट का 8% होना चाहिए जो इस वर्ष 2025 -26 में मात्र 5.5% प्रतिशत है । विधायक उपाध्याय ने आगे कहा कि शासन को 2017-18 से 2021-22 की स्वास्थ्य अधोसंरचना पर केग की रिपोर्ट , शासन को टिप के लिए , किस दिनांक को प्राप्त हुई तथा उसका उत्तर शासन ने किस दिनांक को दिया । केग की उस रिपोर्ट में कितनी कंडिका और उपकंडिका में निष्कर्ष पर टीप चाही गई थी । उसमें से कितने निष्कर्ष पर शासन ने सहमति व्यक्त की , कितने निष्कर्ष पर प्रमाण सहित लिखकर असहमति व्यक्त की और कितने निष्कर्ष का कोई उत्तर ही नहीं दिया । विधायक ने आगे कहा कि भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक 2012 और 2017 के कितने मापदंडों का हम अक्षरसह पालन करते हैं , और किस किस मापदंडों में हमने राज्य की आवश्यकता अनुसार क्या क्या संशोधन किया हैं । और वह क्यों किया हैं । तथा बतावे कि प्रदेश के विभिन्न कैटेगरी के चिकित्सा संस्थानों में भरती निरंतर प्रक्रिया है , यह सही है , लेकिन अभी तक राज्य शासन के मानक अनुसार 40 से 60% से अधिक पद खाली क्यों है । क्या प्रदेश में उनके लिए योग्य चिकित्सक और पेरामेडिकल स्टाफ नहीं है , या योग्य चिकित्सक और योग्य पैरामेडिकल स्टाफ , शासकीय संस्थानों में भ्रष्टाचार और लालफिताशाही के कारण नौकरी करना नहीं चाहते हैं । या सरकार भ्रष्टाचारियों को सरंक्षण के लिए नियुक्ति नहीं करना चाहती है ।
विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुरैना जिले के किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की पूर्ति नहीं की गई है जौरा कैलारस में छोटी मोटी बीमारियों पर भी डॉक्टर ना होने के कारण मरीज को मुरैना ग्वालियर रेफर किया जाता है सरकार के उत्तर से ऐसा मत होते हुए विधायक पंकज उपाध्याय ने सदन से बहिर्गमन किया।