inflation is consuming us: the prices of dal, rice, flour and sugar have increased, it is becoming difficult to run the household
- दालों की कीमतों में प्रति किलो में 15 से 30 रुपए तक की वृद्धि हुई है। इनमें तुअर, चना दाल और उड़द दाल सभी के दाम बढ़े हैं।
महंगाई डायन: आम आदमी की रसोई पर महंगाई की जोरदार मार पड़ी है। पिछले तीन महीने में दाल-चावल, आटा, शक्कर, तेल से लेकर मसालों तक के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश में आदमी का घर चलाना मुश्किल हो गया है। लेकिन इस समय ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे दामों में वृद्धि हो। न तो सहालग की मांग है और न ही किसी दूसरी तरह की खास मांग, फिर भी दाम लगातार ऊपर की ओर जा रहे हैं। फुटकर कारोबारी दबी जुबान में इसके लिए जमाखोरी को बड़ा कारण मानते हैं।
उनका कहना है कि यदि ऊपर से ही दाम कम होकर मिलें तो बाजार में भी रेट नीचे ही बने रहेंगे। जुलाई में कुछ दिनों के लिए सहालग शुरू होंगे, ऐसे में माना जा रहा है कि उस समय दामों में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
तीन माह में ऐसे बढ़े दाम , किराना तीन माह पूर्व अब दाम
दाल तुअर -160 रुपए- 190 रुपए
चना दाल -75 रुपए -90 रुपए
धुली उड़द -125 रुपए -140 रुपए
सरसों तेल -110 रुपए -130 रुपए
रिफाइंड तेल- 105 रुपए- 115 रुपए
शक्कर -42 रुपए -44 रुपए
चावल -48 रुपए- 55 रुपए
इलायची- 1,200 रुपए- 2,400 रुपए
आटा -40 रुपए- 44 रुपए
हल्दी- 160 रुपए- 220 रुपए
काली मिर्च- 700 रुपए- 900 रुपए
पोहा- 55 रुपए- 60 रुपए
(नोट : सभी दाम फुटकर बाजार से प्रति किलो में)
तुअर से लेकर चना और उड़द दाल हुई महंगी
पिछले तीन महीने में दालों की कीमतों में प्रति किलो में 15 से 30 रुपए तक की वृद्धि हुई है। इनमें तुअर, चना दाल और उड़द दाल सभी के दाम बढ़े हैं। तुअर की दाल तो 30 रुपए किलो तक महंगी हो चुकी है। इन दिनों दालों की मांग में भी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं है। इसके साथ ही खुला और ब्रांडेड आटा भी महंगा हो चुका है। गेहूं पिसाई चक्कियों पर जो आटा तीन महीने पहले तक 40 रुपए किलो बिक रहा था, वो अभी 44 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।
ये बात सही है कि किराना का सामान पिछले तीन महीने में महंगा हुआ है। देखा जाए तो फिलहाल किसी प्रकार की कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।