November 22, 2024

अठारहवीं लोकसभा गठन के पूर्वानुमान , मोदीजी नया कीर्तिमान बनाने की ओर 

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Predictions about the formation of the eighteenth Lok Sabha

Predictions about the formation of the eighteenth Lok Sabha

Predictions about the formation of the eighteenth Lok Sabha

Predictions about the formation of the eighteenth Lok Sabha, Modiji is on his way to create a new record

 उदित नारायण

भारत की अठारहवीं लोकसभा के गठन के लिये कल मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई । इसके साथ विभिन्न एजेन्सियों का पूर्वानुमान भी सामने आये जिनमें प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बहुमत ही नहीं पिछली बार की तुलना में कुछ सीटे अधिक मिलने की संभावना बताई जा रही है । यदि 4 जून के परिणाम इन पूर्वानुमानों के अनुरूप होते हैं तो भारत के राजनैतिक इतिहास में नया कीर्तिमान बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। 

इस बार लोकसभा मतदान प्रक्रिया कुल सात चरणों में पूरी हुई । मतदान प्रक्रिया पूरी होनै के साथ परिणाम के पूर्वानुमान भी आये । अधिकांश पूर्वानुमानों में प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 360 से 371 तक सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है । यद्यपि एक अनुमान में 370और एक अन्य अनुमान में अधिकतम 400 पार आकड़ा भी अनुमानित किया है । फिर भी यदि सबसे कम 370 को समाने रखकर विचार करें तो यह आंकड़ा भी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली सीटों का रिकार्ड तोड़ने जा रहा है । 2019 में इस गठबंधन को कुल 353 सीटें मिलीं थीं। इस बार का लगभग सभी अनुमान पिछली बार से अधिक आ रहे हैं । यदि चार जून के परिणामों से ये पूर्वानुमान मेल खाते हैं तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के नेतृत्व, उनके कार्य और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के श्रम को जाता है । 

मोदीजी पिछले दस वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। उनके नेतृत्व में यह लगातार तीसरा लोकसभा चुनाव हो रहा है । यह विशेषता मोदी जी के नेतृत्व की है कि तीनों बार उन्हे मिलने वाला जन समर्थन लगातार रहा है । सामान्यता इतनी लंबी अवधि तक किसी नेतृत्व के प्रति “एनकम्बेन्सी” हाॅवी हो जाती है जिससे जन समर्थन प्रभावित होता है । मोदीजी से पहले लगातार तीन चुनाव पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व में लड़े गये थे । नेहरू जी के नेतृत्व में 1952, 1957 और 1962 के लगातार तीन चुनाव काँग्रेस ने जीते थे लेकिन इन चुनावों में उन्हें मिलने वाला जन समर्थन में उतार चढ़ाव से भरा रहा । जबकि इंदिराजी के नेतृत्व में 1977 का काँग्रेस चुनाव हार गई थी । इस प्रकार इन पूर्वानुमानों के अनुसार मोदी जी तीसरा लोकसभा जीतकर नेहरू जी के कीर्तिमान की बराबरी करने जा रहे हैं । लेकिन मोदीजी प्राप्त मत प्रतिशत और सीटों की वृद्धि दर की दृष्टि से अपना नया कीर्तिमान बनाने जा रहे हैं। मोदी जी के प्रसंग में एक बात और उल्लेखनीय है । मोदी जी प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे । तब से लेकर आज तक उनको घेरने का मानों अभियान एक चल रहा है । इसमें देशी राजनैतिक दलों के अतिरिक्त विदेशी कतिपय विदेशी शक्तियाँ भी हैं।  जितने व्यक्तिगत हमारे मोदीजी पर हुये उतने भारत के किसी राजनेता पर नहीं हुये । इस पूर्वानुमान उनका जन समर्थन निरन्तर बढ़ रहा है । यह उनकी छवि और साख की विशेषता है कि एनडीए पुनः बहुमत का कीर्तिमान बनाने जा रहा है । भाजपा और एनडीए ने इस बार लोकसभा चुनाव मोदी जी की छवि को आगे करके लड़ा है । इस चुनाव में नारा ही दिया था “मोदी की गारंटी” । चुनाव प्रचार में सबसे अधिक जोर मोदीजी के कार्य और उनके नाम की गारंटी को ही सामने रखा था । यदि सामने आये इन पूर्वानुमान संकेत चार जून को प्रमाणित होता है तो यह एनडीए गठबंधन की रणनीतिक सफलता होगी । वहीं भी प्रमाणित होगा कि मोदीजी की छवि किसी “एन्कम्बेन्सी” आक्षेप और आरोप से बहुत ऊपर है । तभी तो तीसरी बार भी पिछले बार से अधिक जन समर्थन मिलने जा रहा है । निसंदेह यह उनका व्यक्तित्व और  उनके द्वारा किये गये कार्य हैं । जिनसे भारत की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि हुई वहीं भारत की साख विदेशों में भी बढ़ी। उनकी छवि और साख के आगे विपक्ष का कोई नारा नहीं चला और न कोई मुद्दा काम आया । निसंदेह यह एक कीर्तिमान है और आशा की जानी चाहिए कि उनके नेतृत्व में काम करने वाली सरकार भारत राष्ट्र और साँस्कृतिक महत्ता की दिशा में और कदम उठायेगी ।

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