टाईगर, चीता, तेंदुआ, कि मौतों का अड्डा बना प्रदेश, एक और मादा तेंदुआ कि मौत
The state became a den of deaths of tiger, cheetah and leopard, another female leopard died.
- एसडीओ अजय सागर के अनुसार मामा-भांजे की राजस्व की भूमि पर पर एक वन्य प्राणी के शव की सूचना पर विभागीय अमला पहुंचा था। बाद में परीक्षण करने पर यह शव दो दिन पुराना और एक मादा तेंदुआ के होने की बात पता लगी।
बुरहानपुर । नयाखेड़ा-केरपानी रोड़ के पास मामा-भांजे बलडी में बुधवार को मादा तेंदुए का शव मिलने से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही बुरहानपुर डीएफओ विजय सिंह, एसडीओ अजय सागर सहित वन अमला मौके पर पहुंचा। शव का पीएम कराकर फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल को इंदौर भेजा गया है।
घाघरला के जंगल में मादा तेंदुए का अंतिम संस्कार किया गया। करीब दस दिन पहले इसी क्षेत्र में एक नर तेंदुआ बीमार अवस्था में मिला था। जिसका इंदौर में उपचार चल रहा है। एक ही क्षेत्र में तेंदुए का बीमार होना सवालों को जन्म दे रहा है।
राजस्व की भूमि पर पर शव की जानकारी मिली थी
एसडीओ अजय सागर ने बताया कि मामा-भांजे की राजस्व की भूमि पर एक वन्य प्राणी का शव पड़ा होने की सूचना किसान से मिली। सूचना मिलते ही बुधवार सुबह 11 बजे मौके पर वन अमला पहुंचा। शव करीब दो दिन पुराना मादा तेंदुए का है। जो वयस्क होकर करीब तीन वर्ष के करीब है।
शरीर पर घाव अथवा चोट के नहीं थे निशान
शव पर कोई घाव या शिकार के कोई चोट के निशान भी नहीं पाए गए है। इससे वन विभाग को शिकार की आशंका नहीं है। संक्रामक बीमारी से मौत की बात बताई जा रही है। सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। एक माह बाद रिपोर्ट आने पर ही मौत का खुलासा हो पाएगा। हालांकि इसके पूर्व भी खेत में रेस्क्यू किए गए तेंदुए के पैर भी संक्रमण से ग्रसित पाए गए थे।
10 दिन पूर्व किया था तेंदुए को रेस्क्यू
नयाखेड़ा गांव में चार माह से तेंदुए का आतंक चल रहा था। उसके द्वारा गोवंशी का शिकार किया जा रहा था।
ग्रामीणों के अनुसार नौ जुलाई को किसान अकरम बाबू खां के खेत में तेंदुआ सुस्त अवस्था में मिला था।
तेंदुए को वन विभाग ने रेस्क्यू किया था। जानकारी के अनुसार इसकी लोगों ने 10 फीट की दूरी से सेल्फी ली।
लोगों से पता चला है कि इस दौरान तेंदुआ न तो गुर्रा रहा था और न ही उसके तेवर कोई आक्रामक थे।
यह जानकारी भी मिली है कि तेंदुए के पीछे के पैर काम नहीं कर रहे थे। वह इससे कमजोर लग रहा था।
तेंदुए को इसके बाद इंदौर कमला नेहरू संग्रहालय भेजा गया था। जहां उसका उपचार किया जा रहा है।
तेंदुआ संक्रमण की बीमारी से ग्रसित पाया गया है। तेंदुआ किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त बताया जा रहा है।
क्षेत्र में और भी तेंदुए होने की आशंका
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में और भी तेंदुए होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि नेपानगर सहित आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक गांव में आए दिन तेंदुआ दिखाई देने की जानकारी सामने आ रही है।
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