March 9, 2025

मध्यप्रदेश बीजेपी में जबर्दस्त खींचतान, मोहन-शर्मा-सिंधिया सबके पावर खत्म, हाईकमान का सीधा हस्तक्षेप

0


Tremendous tussle in Madhya Pradesh BJP, Sharma-Scindia lose power, direct intervention of high command

भोपाल ! मध्यप्रदेश में संगठन चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। पार्टी के भीतर मंडल अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर खींचतान साफ झलकी। पार्टी ने पहले पारदर्शिता का दावा करते हुए कहा था कि नियुक्तियां किसी मंत्री, सांसद, विधायक, या जिलाध्यक्ष की पसंद से नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर होंगी। लेकिन व्यवहार में यह वादा अधूरा ही रहा।

हाईकमान का नया निर्देश

बीजेपी हाईकमान ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं का जिला अध्यक्षों के चयन में सीधा हस्तक्षेप समाप्त कर दिया गया है। हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि जैसे सांसद और विधायक के टिकट का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करता है, वैसे ही अब जिलाध्यक्षों का चयन भी दिल्ली से होगा।

जिला अध्यक्षों के चयन प्रक्रिया में बदलाव

मध्यप्रदेश में बीजेपी जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जिला स्तर पर चुनाव अधिकारियों ने तीन नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंप दिया है। अब इन नामों पर अंतिम निर्णय हाईकमान करेगा। यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश बीजेपी में जिलाध्यक्षों का निर्धारण सीधे दिल्ली से किया जाएगा।

पारदर्शिता और योग्यता पर जोर

इस बदलाव का उद्देश्य संगठन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। अब तक जिलाध्यक्षों का चयन स्थानीय नेताओं द्वारा किया जाता रहा, जिसमें कई बार सांसद और विधायकों ने अपनी पसंद के लोगों को ही प्राथमिकता दी। इससे योग्यता को दरकिनार किया गया। नई व्यवस्था के तहत काबिल और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

मंडल अध्यक्षों के चुनाव में विवाद

हाल ही में हुए मंडल अध्यक्षों के चुनावों में कई गड़बड़ियां सामने आईं। पार्टी द्वारा तय किए गए क्राइटेरिया, जैसे 45 साल की आयु सीमा, आपराधिक रिकार्ड न होना, और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न होना, का पालन कई जगहों पर नहीं हुआ। कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों पर विवाद हुआ, और कुछ को चयन के तुरंत बाद हटा भी दिया गया।

नई व्यवस्था से उम्मीदें

मंडल अध्यक्षों के चुनाव में सामने आए विवादों और शिकायतों के बाद हाईकमान ने जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर सख्ती दिखाई है। अब दिल्ली से चयन होने से पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद बढ़ गई है। इससे कार्यकर्ताओं का विश्वास भी मजबूत होगा और पार्टी संगठन को नई दिशा मिलेगी।

यह कदम मध्यप्रदेश बीजेपी के संगठन को न केवल मजबूती देगा, बल्कि योग्यता और पारदर्शिता के नए मानदंड भी स्थापित करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor

slot deposit 5000 tanpa potongan

https://www.deschutesjunctionpizzagrill.com/

spbo terlengkap