शराब की लत क्यों लगती है , ये चीज बनाती है आपको पियक्कड़
Why do you get addicted to alcohol, this thing makes you a drunkard
Why do you get addicted to alcohol, this thing makes you a drunkard
Alcohol Consumption: शराब पीने को चाहे समाज में कितना ही बुरा क्यों ना समझा जाता हो, लेकिन यह मानव समाज का एक अभिन्न हिस्सा रहा है. कई लोगों में शराब पीने की जबरदस्त लत पाई जाती है, उनके लिए शराब जैसे अमृत होती है, और एक घूंट पीते ही वे किसी और दुनिया में पहुंच जाते हैं. लेकिन शराब पीते ही ऐसा क्यों हो जाता है? आइए जानते हैं.
शराब की बूंद जब गले से नीचे उतरती है, तो कई लोग उन पलों को जीते हैं, जिसके बारे में वे होश के दिनों में केवल सोच सकते हैं या सपने में देख सकते हैं. सदियों से इंसानों के बीच अलग-अलग तरह के शराब का नशा करने वाले लोग रहे हैं. कुछ लोगों में शराब का नशा अलग तरीके से रंग दिखाता है, तो कुछ पर असर ही नहीं करता. कुछ लोग एक के बाद एक लगातार कई ड्रिंक पी लें तो भी उनमें नशे का असर नहीं दिखता, जबकि कुछ लोग शराब का घूंट पीने भर से ही मदहोशी में पहुंच जाते हैं.
शराब पीने से कई लोगों के हाव-भाव बदल जाते हैं, तो कुछ पर ये बेअसर साबित होती है. अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि कोई इंसान शराब क्यों पीता है या किसी को शराब की लत क्यों लगती है? साइंस ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है. एक रिसर्च के मुताबिक, पियक्कड़ लोगों में शराब के लिए उमंग एक जेनेटिक लिंक की वजह से हो सकती है.
जीन से शराब का नशा
किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में एक स्टडी पब्लिश की थी. इसमें बताया गया था कि RASGRF-2 नामक जीन लोगों में शराब पीने की खुशी पर असर डाल सकता है. यह रिसर्च जेनेटिक्स, ब्रेन केमिस्ट्री और शराब के साथ हमारे रिश्ते को उजागर करती है.
डोपामाइन कनेक्शन
इस स्टडी में डोपामाइन पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है. डोपामाइन दिमाग में मजे और खुशी से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है. जब हमको कोई चीज मजेदार लगती है, जैसे- टेस्टी फूड खाना या फेवरेट म्यूजिक सुनना, तो डोपामाइन का लेवल बढ़ जाता है. इससे सुकून मिलने का अहसास हो सकता है. यह मजा देने वाली चीजों की आदत को बढ़ाता है. रिसर्चर्स का मानना है कि RASGRF-2 जीन शराब पीने पर डोपामाइन के निकलने के तरीके से जुड़ा हो सकता है. उनकी रिसर्च यह बताती है कि जिन लोगों में यह जीन पाया जाता है उनमें शराब पीने के बाद डोपामाइन में ज्यादा इजाफा हो सकता है, जिससे मजा मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
जेनेटिक लिंक है बड़ी वजह
शराब की लत लगने की वजह जानने के लिए रिसर्चर्स ने लगभग 14 साल की उम्र के 663 बच्चों को शामिल करते हुए एक स्टडी की थी. उन्होंने बच्चों को ऐसे काम करने के लिए कहा जिससे दिमाग का वेंट्रल स्ट्रिएटम एक्टिव हो सके. डोपामाइन रिलीज होने में इस हिस्से की बड़ी अहमियत है. दो साल बाद 16 साल की उम्र में रिसर्चर्स ने इन बच्चों से फिर से मुलाकात की, जिनकी उम्र 16 साल हो चुकी थी. रिसर्चर्स ने इनकी शराब पीने की आदतों का डेटा इकट्ठा किया. नतीजे दिलचस्प थे, क्योंकि जिन युवाओं में RASGRF-2 जीन था, उनमें जीन के बिना वाले लोगों की तुलना में ज्यादा बार और आसानी से शराब पीने की आदत दिखाई दी. यह खोज RASGRF-2 जीन और शराब के असर के बढ़े हुए मजे के बीच संभावित रिश्ते को जाहिर करती है.
शराबखोरी के लिए सिर्फ जीन जिम्मेदार?
इस बात पर जोर देना जरूरी है कि इस रिसर्च के नतीजे इस बात पर ठप्पा नहीं लगाते हैं कि शराब की लत गलने के पीछे केवल RASGRF-2 जीन इकलौती वजह है. स्टडी के चीफ ऑथर प्रोफेसर गुंटर शूमैन के मुताबिक, कई दूसरे जीन और माहौल का असर भी शराबखोरी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
उदाहरण के लिए परवरिश, सोशल सर्कल और शराब पीने से जुड़ा कल्चर जैसी चीजें शराब पीने की आदतों को अहमतौर पर प्रभावित कर सकती हैं. इसके अलावा पार्टिसिपेंट्स के एक बहुत छोटे ग्रुप पर रिसर्च की गई. छोटे सैंपल के लिहाज से पूरी तरह यह धारणा बना लेना कि RASGRF-2 और शराब की पसंद के बीच इकलौता संबंध है, शायद पूरी तरह सही नहीं होगा.
शराब की लत से छुटकारा पाने में मदद
यह रिसर्च बेहतर भविष्य की उम्मीद के दरवाजे खोलती है. अगर कोई भरोसेमंद जेनेटिक टेस्ट RASGRF-2 की मौजूदगी के आधार पर उन व्यक्तियों की पहचान कर सके जिनमें शराब की लत लगने का ज्यादा खतरा है, तो यह हेल्थ सर्विस के लिए एक अहम टूल साबित हो सकता है. जिन लोगों में शराबखोरी शुरू होने का रिस्क है, उनकी तुरंत पहचान हो सकती है. इससे शुरुआत में ही शराब से पीछा छुड़ाने में मदद दी जा सकती है. ऐसा करने से कई लोगों को शराब पीने से रोका जा सकता है.
इसके अलावा शराब पीने के बाद डोपामाइन रिलीज में RASGRF-2 की भूमिका को समझना शराब की लत से निपटने के लिए नई दवाओं के विकास का रास्ता खोलता है. ये दवाएं शराब के मदहोश करने वाले असर को बढ़ाने वाले सिस्टम को टारगेट करेंगी. इसके अलावा इन दवाओं से नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को उनकी तलब को कंट्रोल करने और उनकी निर्भरता को कम करने में मदद मिल सकती है.
शराब पीने से नुकसान
दुनिया के कई हिस्सों में शराब पीना कल्चर का हिस्सा माना जाता है. लेकिन शराबखोरी कई सामाजिक बुराइयां भी लेकर आती है. शराब की लत न केवल शरीर को बर्बाद करती है, बल्कि कई घर भी इससे तहस-नहस हो जाते हैं. यह पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में दरार पैदा कर सकती है. महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा एक अहम उदाहरण, जो दिखाता है कि शराब पीने के बाद पति अपनी पत्नी और बच्चों को मारते-पीटते हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में शराब पीने से दुनिया भर में लगभग 26 लाख लोगों की जान गई है. इनमें से 4.74 लाख मौतें तो शराबखोरी से पैदा हुई दिल की बीमारियों की वजह से हुई हैं. कम मात्रा में शराब पीना भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है.
शराब की लत लीवर और दिल संबंधी बीमारियों समेत कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को दावत देती है. शराबखोरी को रोकने के लिए नए सिरे से तरीके अपनाने होंगे. यह रिसर्च ऐसा करने में मदद कर सकती है, ताकि शराब से होने वाले स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक नुकसान से बचा जा सके.