अमित शाह बने बीजेपी के बड़े नेता
बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब अमित शाह निर्विवाद रूप से स्वयं को जननेता के रूप में भी स्थापित कर चुके हैं. यह बात महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अमित शाह की रैलियों से साबित होती है. गृहमंत्री के रूप में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के फैसले का श्रेय उन्हीं को जाता है. यही कारण है कि इन दोनों राज्यों में जनता के बीच अमित शाह बेहद लोकप्रिय नेता के तौर पर उभर कर सामने आए हैं।. जनसभाओं में शाह को ‘हिंदुस्तान का शेर’ बताया जा रहा है. महाराष्ट्र और हरियाणा में केंद्रीय नेताओं में पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा उन्हीं की मांग है. रैलियों की संख्या के हिसाब से देखें तो मोदी और शाह ने दोनों राज्यों को छान मारा है. वे कोने-कोने तक गए हैं और इन राज्यों में सत्ता की वापसी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
यह बतौर गृहमंत्री उनके छोटे से कार्यकाल में किए गए बड़े फैसलों का असर है कि शाह बीजेपी के स्टार कैंपेनर के तौर पर उभर कर सामने आए हैं. अभी तक वे बतौर बीजेपी अध्यक्ष इन राज्यों में चुनाव प्रचार करते आए थे. लेकिन मई में गृहमंत्री का काम संभालने के बाद उनके राजनीतिक व्यक्तित्व का एक नया रूप सामने आया है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए को समाप्त करना, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाना, राज्य के राजनेताओं को बंद करना तथा जनता पर लगाई गई पाबंदियों के चलते वे लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं. इन दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अनुच्छेद 370 के खात्मे को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है।