December 10, 2024

एमपी अजब है एमपी गजब है ….. स्वास्थ्य मंत्री ने 1000 डॉक्टर को दरकिनार कर अपनी पत्नी का किया प्रमोशन

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भोपाल . स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति में परिवारवाद का मामला सामने आया है। मंगलवार को स्वास्थ्य संचालनालय से एक आदेश जारी हुआ। इसमें बताया गया कि भोपाल की जिला स्वास्थ्य अधिकारी नीरा चौधरी को क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक बनाया गया है।
बता दें कि नीरा चौधरी प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की पत्नी हैं और उन्हें पदोन्नत कर जो पद दिया गया है, वरिष्ठता सूची के आधार पर उस पद के लिए नीरा से पहले 1000 अन्य डॉक्टर दावेदार थे। स्वास्थ्य विभाग ने 2017 में प्रथम श्रेणी डॉक्टराें की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की थी। इसमें 1042 डॉक्टरों के नाम थे, लेकिन नीरा का नाम नहीं था। नीरा की नई नियुक्ति से डॉक्टरों में भी नाराजगी है। इस मामले में जब स्वास्थ्य मंत्री से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।

34 जिलों में सीनियर को दरकिनार कर जूनियर को बनाया सीएमएचओ
प्रदेश के 52 जिलों में से 34 ऐसे जिलें है, जहां पिछले एक साल में सीनियर डाॅक्टरों के बजाय जूनियर को सीएमएचओ बनाया गया है। इनमें शाजापुर में डाॅ. राजू निदारिया को सीएमएचओ बनाया गया है, जबकि वहां उनसे सीनियर तीन अन्य डाॅक्टर एसडी जायसवाल, सुनील सोनी और आलोक सक्सेना पदस्थ हैं।

खरगोन में रजनी डाबर को सीएमएचओ बनाया गया है, जबकि वहां एसएस चौहान, विजय फूलोरिया, राजेंद्र जोशी, डाॅ. कानूनगो, वंदना कानूनगो, इंदिरा गुप्ता और संजय भट्‌ट सीनियर हैं। बड़वानी में डॉ. अनिता सिंगारे को सीएमएचओ बनाया है, जबकि वहां तीन डाॅक्टर उनसे सीनियर हैं। इसी तरह रतलाम में डाॅ प्रभाकर नानावरे से 6 डाॅक्टर सीनियर हैं। धार, छतरपुर, दमोह, कटनी, रीवा, शहडोल समेत अन्य जिलों में पदस्थ सीएमएचओ से वरिष्ठ चिकित्सक पदस्थ हैं। इसी तरह अन्य जिलों में भी यही स्थिति हैं।

वरिष्ठता क्रम में दो पद पीछे थीं नीरा
नियमानुसार संयुक्त संचालक पद पर सिर्फ प्रथम श्रेणी अधिकारी को ही पदस्थ किया जा सकता है। इनमें वरिष्ठता क्रम में उप संचालक और उससे नीचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) आते हैं। नीरा जिला स्वास्थ्य अधिकारी थीं और अकेले भोपाल में ही 70 से ज्यादा प्रथम श्रेणी डॉक्टर हैं।
ये सभी डिप्टी डायरेक्टर पद पर हैं। इनमें अर्चना मिश्रा, प्रज्ञा तिवारी, दुर्गेश गौर, दिलीप हेड़ाऊ, हिमांशु जायसवाल, मनीष सिंह, राजीव श्रीवास्तव, अलका परगनिया, पद्माकर त्रिपाठी, इंद्रजीत सिकरवार और वीरेंद्र गौर समेत अन्य चिकित्सकों के नाम हैं। ये सभी पिछले 15 साल से संचालनालय में प्रशासनिक पदों पर हैं और ट्रांसफर की वजह से पदोन्नति नहीं चाहते हैं।

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