चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट बैठक में शामिल हुए होने की आखिर क्या है हकीक़त ?
भोपाल . मध्यप्रदेश (MP) में विधानसभा का उप चुनाव हारने के बावजूद प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी सुमन (Imarti devi) आखिरकार कैबिनेट की बैठक में कैसे शामिल हो रही हैं? यह सवाल इन दिनों मध्य प्रदेश की राजनीति में सबसे चर्चित बना हुआ है. कांग्रेस ने तो इसको लेकर सरकार से सीधे सवाल किया है.उसने पूछा है कि आखिर किस कानूनी प्रावधान के तहत इमरती देवी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रही हैं.
कांग्रेस का तो यहां तक भी आरोप है कि इमरती देवी चुनाव हारने के बावजूद विभागीय फाइलें निपटा रही हैं. वहीं इमरती देवी भी यह साफ कर चुकी हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं.फिर आखिरकार कैबिनेट की बैठक में शामिल होने की सच्चाई क्या है ?
इमरती, गिर्राज दोनों मौजूद
दरअसल बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इमरती देवी शामिल हुई थीं. उससे पहले भी हुई कैबिनेट की बैठक में इमरती देवी के अलावा चुनाव हारने वाले मंत्री गिर्राज दंडोतिया शामिल हुए थे. सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार जब यह दोनों चुनाव हार चुके हैं और इस्तीफा दे चुके हैं तो फिर कैबिनेट की बैठक में शामिल कैसे हो रहे हैं?
इस्तीफा दिया पर मंजूर नहीं
कैबिनेट की बैठक में शामिल होने को लेकर जब इमरती देवी से सवाल किया गया था तो उन्होंने यह साफ किया था कि वह अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. इस्तीफा मंजूर कब करना है ये सीएम का विशेषाधिकार है. लिहाजा वह अभी भी मंत्री हैं और अपने पद पर रहते हुए वह कैबिनेट की बैठक में शामिल हो सकती हैं.वहीं गिर्राज दंडोतिया और एदल सिंह कंसाना भी चुनाव हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से अभी इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं. यही वजह है कि यह मंत्री चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रहे हैं.