LATEST NEWS

मध्यप्रदेश में 2024 रहा जल क्रांति की बुनियाद रखने वाला वर्ष

0

भोपाल
वर्ष 2024 को मध्यप्रदेश में जल क्रांति की बुनियाद रखने वाले वर्ष के रूप में याद किया जाएगा। साल की शुरुआत से जो प्रयास चल रहे थे उन्हें अंततः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों एक ठोस बुनियाद मिली। दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना की शुरुआत की नींव पड़ी और साल के आखिर आते-आते देश की पहली नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना केन-बेतवा की आधारशिला भी प्रधानमंत्री ने रखी। यह दोनों परियोजनाएं न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश में जल राशि के समान वितरण और न्यायपूर्वक उपयोग की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होंगी। अन्य देशों के लिए भी यह उदाहरण होगा। वर्ष 2024 मध्यप्रदेश के लिए अभूतपूर्व गतिविधियों और उपलब्धियों भरा वर्ष रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने एक वर्ष पूरा किया। कई ठोस निर्णय लिए गए जो भविष्य में परिवर्तनकारी साबित होंगे।

उत्साहजनक औद्योगिक निवेश
वर्ष 2024 एक प्रकार से निवेश के लिए भी फलदाई रहा। सरकार की नीतियों और निर्णयों से प्रभावित होकर निवेशकों ने क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलनों के माध्यम से भरपूर निवेश किया। मध्यप्रदेश के औद्योगिक निवेश परिदृश्य में सकारात्मक और उत्साहजनक परिवर्तन हुआ। पहली बार प्रदेश के विभिन्न भौगोलिक भागों में औद्योगिक निवेश पहुंचाने की पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलनों का आयोजन इस दृष्टि और दर्शन के साथ किया गया कि औद्योगिक निवेश किसी एक भूभाग में न होकर उनका सामान वितरण हो। इससे औद्योगिक निवेश का फायदा समान रूप से सभी लोगों को एक समान रूप से हो सके। इसके पीछे सोच समझ यह रही कि प्रदेश के हर क्षेत्र की अपनी विशेषताएं हैं। निवेश की अपनी संभावनाएं हैं। इनका दोहन भी रणनीतिक तरीके से होना चाहिए। इससे औद्योगिक विकास के साथ स्थानीय रूप से रोजगार का सृजन भी बड़े पैमाने पर होगा। आने वाले वर्षों में इसके सुपरिणाम दिखाई देंगे। प्रदेश में 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के माध्यम से तीन लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले। इनसे रोजगार निर्माण का परिदृश्य सकारात्मक रूप से बदलेगा। निवेश आकर्षित करने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यूके और जर्मनी यात्रा में 78 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। मुम्बई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड़-शो में एक लाख करोड़ और भोपाल में आयोजित खनन कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस प्रकार 2024 औद्योगिक निवेश के लिए उत्साहजनक रहा, जो प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने और युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बड़े अवसर उपलब्ध करवायेगा।

नवाचारों से मिली नई पहचान
साल के आखिर आते तक मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली। प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को वैश्विक पहचान मिली और पर्यटन क्षेत्र को सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों वाले प्रदेश के रूप में मान्यता मिली।

सूचना प्रौद्योगिकी का रचनात्मक उपयोग करते हुए नागरिक सुविधाओं की पहुंच बढ़ाना और उन्हें सरल करने के प्रयासों की श्रृंखला में साइबर तहसील का संचालन वर्ष-2024 के लिए अत्यंत सफल और प्रशंसनीय प्रयास साबित हुआ। इससे मानवीय हस्तक्षेप के कारण होने वाली गलतियों की संभावनाएं समाप्त हो गई। इसी साल मध्यप्रदेश में एक क्रांतिकारी पहल करते हुए जिला इकाइयों के पुनर्गठन के लिए विशेष परिसीमन आयोग का गठन किया। आयोग ने काम करना शुरू कर दिया। भविष्य में इसकी सिफारिशों के आधार पर जिलों और संभाग की सीमाओं का पुनर्गठन होगा। इससे प्रशासनिक स्तर पर आने वाली बहुत सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी।

मध्यप्रदेश में राजस्व संग्रहण में भी वर्ष-2024 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर राजस्व संग्रहण के प्रयासों को सफलता मिली। इसका सीधा संबंध कर चुकाने वाले समुदाय, व्यापारिक समूहों और राज्य सरकार के बीच आपसी विश्वास का मजबूत होना है। स्व-प्रेरणा से राजस्व अदा करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। राजस्व महाअभियान 1, 2 और 3 चलाकर राज्य सरकार ने कई लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण और राजस्व अभिलेखों को दुरुस्त किया। शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम यह रहा कि सभी जिलों में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ हो गया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई अभूतपूर्व कदम सरकार ने उठाए। पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ हुआ। इससे दूरस्थ क्षेत्र के गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटनाग्रस्त लोगों को एयरलिफ्ट कर समय पर उपचार देने की संवेदनशील पहल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का आपस में विलय कर दिया गया। किसानों के हित में श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना का लागू होना एक विशेष उल्लेखनीय पहल रही। किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रूपये की विशेष प्रोत्साहन राशि देने का भी दूरदृष्टि भरा निर्णय रहा।

साल की शुरुआत में ही इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4800 श्रमिक परिवारों को 224 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कराकर सरकार ने संवेदनशील और गरीब हितैषी होने का परिचय दे दिया था। अब ग्वालियर सहित अन्य शहरों में बंद पड़ी मिलों के संबंध में भी इंदौर की तर्ज पर काम होगा। जनजातीय परिवारों के हित में ऐतिहासिक पहल करते हुए शिवपुरी जिले में देश की सबसे पहली प्रधानमंत्री जन मन कॉलोनी सहरिया परिवारों के लिए बनी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor

slot deposit 5000 tanpa potongan

mahjong

spaceman slot

https://www.deschutesjunctionpizzagrill.com/

spbo terlengkap

cmd368

368bet

roulette

ibcbet

clickbet88

clickbet88

clickbet88

bonus new member 100

slot777

https://bit.ly/m/clickbet88

https://vir.jp/clickbet88_login

https://heylink.me/daftar_clickbet88

https://lynk.id/clickbet88_slot

clickbet88

clickbet88

https://www.burgermoods.com/online-ordering/

https://www.wastenotrecycledart.com/cubes/

https://dryogipatelpi.com/contact-us/

spaceman slot gacor

ceriabet link alternatif

ceriabet rtp

ceriabet

ceriabet link alternatif

ceriabet link alternatif

ceriabet login

ceriabet login

cmd368

sicbo online live