मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। – राहुल गाँधी
मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। – राहुल गाँधी
ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है।
बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।