बीजेपी विधायक ने दी आत्मदाह की चेतावनी, 5 मार्च से देंगे धरना
BJP MLA warns of self-immolation, will protest from March 5
बीजेपी विधायक मोहन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत मंडल के अधिकारी-कर्मचारी बिजली बिल जमा नहीं करने पर हमारे क्षेत्र के गांवों में किसानों और गरीबों को परेशान करते हैं.
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मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा (Narsinghgarh Assembly) से विधायक मोहन शर्मा (Mohan Sharma) अपनी ही सरकार में सिस्टम से नाराज दिख रहे हैं. बीजेपी विधायक ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी है. उन्होंने बढ़े हुए बिजली बिलों के विरोध में पांच मार्च से धरने पर बैठने की भी बात कही है. मोहन शर्मा ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर गरीबों को परेशान करने का भी आरोप लगाया.
मोहन शर्मा राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में नवीन औद्योगिक इकाई मेसेस ज्योलो पैक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए. आयोजन में राजगढ़ कलेक्टर हर्ष शर्मा, एसपी धर्मराज मीणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक मोहन शर्मा ने कहा कि विद्युत मंडल के अधिकारी-कर्मचारी बिजली बिल जमा नहीं करने पर हमारे क्षेत्र के गांव में जाते हैं, किसानों के घरों के गेट खोलते हैं और उनकी मोटर साइकिल निकाल कर ले जाते है.
बीजेपी विधायक ने दी आत्मदाह की धमकी
मोहन शर्मा ने आगे कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारी बारवा खुलम गांव से तो एक गरीब मजदूर, लोहा पीटने वाले की बाइक उठा ले गए. कानून हाथ में लूंगा तो 353 लग जाएगी. विधायक शर्मा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आक्रोशित हो गए. उन्होंने कहा कि कानून हाथ में लेना नहीं चाहता हूं, अगर अधिकारियों से झगड़ा किया तो 353 लग जाएगी. अब मेरे पास एक ही हथियार है, आमरण अनशन पर आत्मदाह करने को मजबूर हो जाऊंगा. मैं 5 तारीख को बिजली विभाग के डीई ऑफिस के बाहर धरने पर बैठने वाला हूं.
बिजली विभाग का अत्याचार स्वीकार नहीं- मोहन शर्मा
विधायक मोहन शर्मा ने कहा- ”मैं आपसे पहले भी निवेदन कर चुका हूं, अब मेरा अंतिम निर्णय हो चुका है क्योंकि मैं बहुत दुखी हूं. मेरी जिंदगी से मुझे मोह भी नहीं है. मेरी उम्र पूरी हो चुकी है, मुझे मौत स्वीकार है पर जनता के ऊपर विद्युत मंडल का अत्याचार स्वीकार नहीं है”. कार्यक्रम के दौरान विधायक शर्मा ने एक किसान को खड़ा होने को कहा और अधिकारियों से कहा कि इसके पिता को मरे 30 साल हो गए, तभी से गांव में डीपी नहीं है और इसके 30 हजार रुपए का बिल दे दिया. जब गांव में डीपी नहीं है तो बिल कैसे दे दिया. विधायक ने कहा कि ऐसा एक उदाहरण नहीं है, कई उदाहरण हैं.