सिर्फ कागजों में देश कि सबसे स्वच्छ राजधानी भोपाल: ज़मीनी हकीकत कुछ और, बस स्टैंड बदहाल, कीचड़-गंदगी से भरे पड़े ,,,
Bhopal is the cleanest capital of the country only on paper: Ground reality is different, bus stand is in bad condition, filled with mud and dirt,,,
- पीने के साफ पानी और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं
भोपाल । राजधानी भोपाल के नादरा बस स्टैंड और आईएसबीटी की हालत बदहाल है। दोनों बस स्टैंड पर गंदगी पसरी है। पीने के साफ पानी और स्वच्छ शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। नादरा बस स्टैंड रात के समय नशे का अड्डा बन जाता है। यहां चोरी और लड़ाई की घटनाएं भी आम हैं। बता दें कि नादरा बस स्टैंड से रोजाना करीब 5 हजार से अधिक यात्री सागर, बीना, विदिशा, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, आदि शहरों के लिए जाते हैं।
वहीं आईएसबीटी से रोजाना करीब 6 हजार यात्री होशंगाबाद, इटारसी, बैतूल आदि जैसे शहरों के लिए निकलते हैं, इसके अलावा अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश आदि के लिए भी बसें यहां से रवाना होती हैं।
खुले में शौच से स्थानीय दुकानदार और यात्री परेशान
नादरा बस स्टैंड पर एजेंट का काम करने वाले दयाल सिंह गुर्जर ने बताया कि पानी निकासी की सही व्यवस्था न होने के चलते बस स्टैंड कीचड़ से भरा है। लोग यहां खुले में शौच करते है। इससे पूरे इलाके में बदबू बनी रहती है. जिसकी वजह से स्थानीय दुकानदार और यात्री परेशान रहते हैं। नगर निगम भी हमारे आवाज उठाने पर ही सफाई करवाता है।
मुफ्त शौचालय का बोर्ड लगा, फिर भी मांगे जाते हैं पैसे
दुकानदार मोहम्मद सईद ने बताया कि वह पिछले 40 सालों से बस स्टैंड पर दुकान चलाते हैं। यहां शौचालय का कोई बोर्ड या निशान नहीं लगा है। इसके चलते विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां बाहर बने शौचालय में महिलाओं के लिए मुफ्त लिखे होने पर भी उनसे पैसे मांगे जाते हैं। जब महिलाएं इस बात को लेकर आवाज उठाती हैं, तो उन्हें शौचालय में काम चलने की दलील दी जाती है। बस स्टैंड पर गुंडे लोगों की वजह से मनमाने तरीके से काम हो रहा है। कम से कम रात के समय प्रशासन को एक आदमी की ड्यूटी लगानी चाहिए जो निगरानी कर सके।
रात होते ही नशे का अड्डा बन जाता है नादरा बस स्टैंड
ऑटो ड्राइवर शेराज ने बताया कि यहां देर रात अक्सर लोगों के साथ चोरी की घटनाएं होती रहती है। लोगों के बैठने और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। हालांकि बस स्टैंड पर 2-3 पानी की टंकी लगी हैं, लेकिन सब सालों पुरानी है। जिनकी सफाई होते हुए हमने नहीं देखा। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि रात होते ही बस स्टैंड नशे का अड्डा बन जाता है। जिससे आए दिन यहां लड़ाई-झगड़ा भी होता रहता है।
अतिक्रमण की वजह से बस निकालने में दिक्कत
बस ड्राइवर जुम्मा खान ने बताया कि नादरा बस स्टैंड शिफ्ट होने की बात कही जा रही है, लेकिन कब तक होगा इसका अनुमान नहीं है। बस स्टैंड की जगह सही से नहीं बनी हुई है, साथ ही अतिक्रमण भी फैला रहता है। इसके चलते यहां से बस निकालने में बहुत परेशानी होती है।
आईएसबीटी की हालत भी बदहाल
शहर के आईएसबीटी की हालत भी बदहाल है। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि बस स्टैंड में सीवर लाइन चोक होने की वजह से परिसर में गंदा पानी भरा रहता है। इसके अलावा ड्राइवर बूथ पर लगाकर ही बसे धोते हैं, जिससे कीचड़ फैलता है। बस स्टैंड पर पीने के साफ पानी व्यवस्था नहीं है और शौचालय भी साफ नहीं है। ज्यादातर बस ड्राइवर बस स्टैंड के बाहर मुख्य सड़क पर ही बसे खड़ी करते हैं। इससे सवारियों दिक्कत होती है। इस संबंध में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी का कहना है कि स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर निगम अच्छे प्रयास कर रहा है। दिन-रात सफाई हो रही है। जहां खामी होगी, वहां सुधार करेंगे। बस स्टैंड पर भी विशेष सफाई करवाई जाएगी।
शहर के दोनों बस स्टैंडों से कहां जाती हैं बसें
आईएसबीटी : होशंगाबाद, इटारसी, बैतूल, मुलताई की ओर बसें जाती हैं।
नादरा बस स्टैंड : सागर, बीना, विदिशा, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर की बसें जाती हैं।