MP : बीजेपी प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बताया नेताओं को नालायक
मंत्री न बनाए जाने से नाराज नेताओं को प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने नसीहत दी
भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी (Madhya Pradesh Bjp) के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव (muralidhar rao) ने गुरुवारो को पार्टी से नाखुश विधायक-सांसदों को सख्त लहजे में नसीहत देते हुए कहा है कि जो लगातार तीन-तीन, चार-चार बार से विधायक-सांसद बन रहे हैं, पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऐसे नेताओं के पास कहने को कुछ और नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर ऐसे नेता फिर भी ये कहते हैं कि उन्हें मौका नहीं मिला तो उनसे बड़ा नालायक कोई और नहीं है. उन्हें मौका मिलना भी नहीं चाहिए.
दरअसल, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने पार्टी के उन नेताओं पर निशाना साधा, जो लगातार पदों पर बन रहने की मांग करते हैं. मुरलीधर राव ने कहा कि लगातार 4 बार 5 बार से सांसद, विधायक बनना, लगातार प्रतिनिधित्व करना, यह जनता का दिया हुआ वरदाना होता है.
‘सब होने के बाद रोने वालों को नहीं मिलना चाहिए कुछ’
दरअसल मुरलीधर राव गुरूवार को भोपाल स्थित संत रविदास मंदिर में अनुसूचित जाति मोर्चा के संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उसी दौरान राव ने कहा कि लगातार 4 बार 5 बार से सांसद, विधायक बनना, लगातार प्रतिनिधित्व करना, यह जनता का दिया हुआ वरदाना होता है. इसके बाद रोने के लिए कुछ नहीं होना चाहिए, ऐसे नेता अगर कहे कि उन्हें मौका नहीं मिला तो उनसे बड़ा नालायक कोई नहीं, मुरलीधर राव ने कहा कि उन्हें मौका मिलना भी नहीं चाहिए.
सीनियर नेताओं को बड़ी नसीहत दी है राव ने
मुरलीधर राव की दो टूक लाइन के बाद साफ है कि आने वाले दिनों में कई वरिष्ठ नेताओं का पत्ता कट सकता है और नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. दरअसल इस बार मंत्रिमंडल में बीजेपी के कई सीनियर नेताओं को स्थान नहीं मिला था. ऐसे में ये नेता अपने तीखे बयानों के जरिए पद की मांग करते रहते हैं. इन्ही सब बातों को देखते हुए मंत्री न बनाए जाने की नाराजगी को लेकर ही प्रदेश प्रभारी ने सीनियर नेताओं को नसीहत दी है. इन नेताओं के लिए मुरलीधर राव का यह बयान बड़ा संदेश माना जा रहा है.
राव अपने बयानों को लेकर मध्य प्रदेश में इन दिनों बहुत चर्चाओं में है. एक दिन पहले ही उन्होंने राजगढ़ में बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए साफ तौर पर चेतावनी दी थी कि संगठन के नेता दौरे करें. जनता और कार्यकर्ताओं से संवाद करें वरना उनकी छुट्टी कर दी जाएगी.