कृषि मंत्री के गृह जिले में खाद के लिए लाइन में खड़े किसान, रातभर जागकर भी खाली हाथ
Farmers standing in line for fertilizer in Agriculture Minister’s home district, empty handed even after staying awake all night
मुरैना ! अधिकारी भले ही खाद पर्याप्त होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन किसानों की लंबी लाइन इस बात की गवाह है कि सिस्टम में चूक है। मुरैना में किसान पिछले पांच दिन से केन्द्र पर चक्कर लगा रहे हैं फिर भी किसानों को आसानी से खाद नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना मुरैना जिले के ही हैं।
इन दिनों किसान सरसों की बोनी की तैयारी में जुटा है। उसके लिए डीएपी की आवश्यकता पड़ रहा है। शहर के कृषि मंडी के वितरण केन्द्र पर जिले भर के किसान बड़ी संख्या में पहुंचते हैं यहां किसान पहुंचे तो उनको बिना टोकन के खाद दिया, लेकिन कुछ समय काउंटर खुला फिर बंद कर दिया। हालत यह है कि किसान एक किलोमीटर लंबी लाइन लगाकर खाद लेने के लिए खड़े हैं लेकिन फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। सोमवार की रात से ही किसान आ गए और उन्हें टोकन बांट दिया, लेकिन रातभर लाइन में खड़े होकर भी उन्हें खाद नही मिल सका। वहीं मंगलवार सुबह पांच बजे से किसान इस उम्मीद से लाइन में लग गया कि उसे खाद मिल जाएगी, लेकिन बुधवार सुबह भी कोई टोकन बांटने कर्मचारी केन्द्र पर नहीं पहुंचा और तेज धूप में किसान लाइन में लगे रहे।
तीन दिन से किसान सुबह से तेज धूम में लाइन में लगे हैं, और शाम होते-होते उन्हें खाद नहीं मिल पाती है वापस घर लौट जाते हैं। वितरण केन्द्र पर अव्यवस्था कैसे फैल रही है। किसानों का कहना है कि पानी व खाना खाने भी नहीं जा सके। अगर लाइन से हटते हैं तो फिर खाद से रह जाएंगे इसलिए रात से लाइन में लगे हैं। वह कृषि मंडी वितरण केन्द्र पर लगातार आ रहा है। टोकन भी मिला तो सुबह से शाम हो गई, तब खाद मिल सका है, वह भी पर्याप्त नहीं हैं।
खाद वितरण केन्द्र पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंच रहा है। एक दो कर्मचारी सुबह पहुंचते हैं, वह टोकन बांटकर चले जाते हैं। अगर यहां जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहेगा तो व्यवस्था ठीक से बन सकती है। वहीं वितरण केन्द्र पर न पानी और न छाया की कोई व्यवस्था है। किसान तपती धूप में घंटों खड़े होकर इंतजार करता है, तब भी कोई निश्चित नहीं है। उसको खाद मिल ही जाएगा। सुबह पांच बजे से लाइन में लगे किसान संतोष का कहना है कि हमको डीएपी चाहिए और यहां दो कट्टा डीएपी के साथ दो कट्टा यूरिया दे रहे हैं जो फसल के लिए काफी कम है। वहीं किसान रघुनाथ का कहना है कि वह मंगलवार को सुबह दस बजे आकर लाइन में लगे। शाम पांच बजे काउंटर के नजदीक पहुंचे, दस- पंन्द्रह लोग रहे गए, तब तक काउंटर बंद कर दिया। आज सुबह तीन बजे के आकर लाइन में लगे हैं। घर का सब काम छोड़कर छोटे-छोटे बच्चों को घर छोड़कर सुबह से लाइन में लगे हैं चार दिन से चक्कर काट रहे हैं फिर खाद नहीं मिली है।
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