जिले में पहली बार पुरुषों के हक में आयोजित हुआ एक कुर्सी मर्दों के नाम कार्यक्रम

For the first time in the district a program in the name of men was organized in favor of men
- कार्यक्रम में सामने आए पुरुष प्रताड़ना के दो गंभीर मामले
हरिप्रसाद गोहे
आमला । सेव इंडियन फैमिली बैतूल (एसआईएफ बैतूल) की टीम ने मंगलवार को आमला में पहली बार पुरुषों के मानसिक उत्पीड़न और सामाजिक उपेक्षा के खिलाफ एक कुर्सी मर्दों के नाम नामक प्रतीकात्मक कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर एसआईएफ बैतूल टीम ने अमला-एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें फर्ज़ी मुकदमों, घरेलू हिंसा में पुरुषों पर झूठे आरोप, और बढ़ते मानसिक उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई। ज्ञापन में यह मांग रखी गई कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच हो और पुरुषों के पक्ष को भी समान गंभीरता से सुना जाए।
कार्यक्रम में दो नए और चौंकाने वाले मामलों का खुलासा भी हुआ। पहला मामला आमला के हर्षित सोनी का है, जिनकी शादी के महज तीन दिन बाद ही उनकी पत्नी बिना किसी पूर्व सूचना के घर छोड़कर चली गई। अब वह न तो लौट रही है और न ही किसी प्रकार का संवाद कर रही है। उल्टा हर्षित को झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। दूसरा मामला आमला के ही 19 वर्षीय युवक उदय पठाहे का है। इंस्टाग्राम पर एक लड़की से दोस्ती के बाद दोनों ने शादी कर ली। कुछ समय बाद लड़की ने उसी युवक पर बलात्कार का मामला दर्ज करा दिया, जिसके चलते उसे 20 दिन जेल में बिताने पड़े। अब वही लड़की फिर से उसी घर में रह रही है और युवक को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।

पुरुषों की पीड़ा को अक्सर किया जाता है नजरअंदाज
कार्यक्रम में उपस्थित एसआईएफ संस्था के प्रमुख, साइकोलॉजिस्ट, सोशल वर्कर, मेंस राइट्स एक्टिविस्ट डॉ. संदीप गोहे ने कहा कि समाज में पुरुषों की पीड़ा को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, जबकि वे भी झूठे मामलों और सामाजिक दबाव का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि एसआईएफ का प्रयास है कि हर उस पुरुष को न्याय दिलाया जाए जो किसी भी प्रकार के अन्याय से पीड़ित है। इस अवसर पर एसआईएफ बैतूल टीम के प्रमुख सदस्य रूपेश पवार, बिश्वजीत मंडल, हितेश सोनी, बाबूलु बाचले, दिलीप पवार, उदय पठाहे और देवी प्रसाद मालवीय उपस्थित थे।