February 7, 2025

भारत को अपने विकास के मॉडल बनाने की जरूरत है जो वैश्विक उदाहरण बन सकें : मोहन भागवत

0

नई दिल्ली
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)प्रमुख मोहन भागवत  गुरुग्राम पहुंचे थे। यहां वह 'विविभा-2024:विकसित भारत के लिए विजन' के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। भागवत ने कहा कि विकास के लिए शिक्षा अनिवार्य लेकिन वह भारत-केंद्रित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अपने विकास के मॉडल बनाने की जरूरत है जो वैश्विक उदाहरण बन सकें।

भारत-केंद्रित हो- मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है,लेकिन यह शिक्षा भारत-केंद्रित होनी चाहिए। हमें दुनिया भर से अच्छे विचार लेने चाहिए, लेकिन कभी भी अंधाधुंध अनुयायी नहीं बनना चाहिए। भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित शोध के लिए शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।

"भारतीय शिक्षण मंडल- युवा आयाम" की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जैसे विशिष्ट वक्ताओं ने देश भर के विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ विकसित भारत को प्राप्त करने के बारे में अपने विचार साझा किए। एस सोमनाथ ने विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा में अगले 25 वर्षों के महत्व पर प्रकाश डाला।

'16वीं शताब्दी तक भारत हर क्षेत्र में आगे था'

मोहन भागवत ने कहा कि पहली शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक भारत हर क्षेत्र में आगे था। हमने बहुत पहले ही बहुत कुछ खोज लिया था। हम बस रुक गए और इसी कारण हमारा पतन शुरू हुआ। उन्होंने खेती का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में पिछले 10,000 सालों से खेती हो रही है, लेकिन जमीन,पानी,हवा के प्रदूषित होने की समस्या कभी नहीं थी। लेकिन जब बाहर से खेती आई, तो 500-600 सालों में ही ये चीजें होने लगीं। भागवत ने कहा, 'कहीं न कहीं भारत की दृष्टि में कमी थी, जिसके कारण विकास भी एकतरफा हुआ। भारत में विकास समग्र रूप से होना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि आजकल बहस इस बात पर होती है कि विकास किया जाए या पर्यावरण की रक्षा,जैसे हमें एक को चुनना है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में,यह एक या दूसरे को चुनने के बारे में नहीं है,बल्कि दोनों को एक साथ लेकर चलने के बारे में है। भागवत ने आगे कहा कि सिर्फ चार प्रतिशत लोग 80 प्रतिशत संसाधनों पर नियंत्रण करना चाहते हैं। इस तरह का विकास लोगों पर लाठी का इस्तेमाल करके धकेला गया है।

भागवत ने कहा कि जो लोग तकनीकी विकास को आगे बढ़ाते हैं,तो आप देख सकते हैं कि वे आबादी का सिर्फ 4 प्रतिशत हैं,लेकिन उन्हें 80 प्रतिशत संसाधनों की जरूरत है और उन संसाधनों को प्राप्त करने के लिए वे कई लोगों पर लाठी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि इस तरह के विकास के लिए लोगों को वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और जुनून के साथ काम करना पड़ता है,लेकिन उन प्रयासों का फल बहुतों को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि जुनून को फिर से जगाने के लिए लाठी का इस्तेमाल उनके ही लोगों पर करना चाहिए,ऐसी स्थितियां हर जगह देखने को मिलती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor