कूनो में चीते की मौत नामीबिया से लाए एक और चीते ने तोड़ा दम
- पोस्टमार्टम के बाद होगा चीता शौर्य की मौत का खुलासा
- कूनो नेशनल पार्क से आज फिर एक बुरी खबर सामने आई है।
- चीता शौर्य ने दम तोड़ दिया है।
भोपाल। मॉनीटरिंग टीम को चीता शौर्य अचेत अवस्था में मिला था। कूनो में अब तक दस चीतों की मौत हो चुकी है, इनमें सात चीते और तीन शावक शामिल हैं। लॉयन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर ने बताया कि आज करीब सवा तीन बजे चीता शौर्य की मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत का खुलासा होगा।
अब तक 7 चीते और 3 शावक की मौत
कूनो में अब तक चीते और शावक को मिलाकर यह 10वीं मौत है। इनमें 7 चीते और 3 शावक हैं। प्रोजेक्ट चीता में सितंबर 2022 में आठ चीतों को नामीबिया से लाया गया था। इसके बाद फरवरी 2023 में 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। नामीबिया से लाया गया चीता शौर्य अपने सगे भाई गौरव के साथ आया था। दोनों हमेशा एकसाथ रहते थे, साथ शिकार करते थे। कुछ समय पहने दोनों की अग्नि और वायु चीते से भिड़ंत हुई थी। वे दोनों भी सगे भाई थे। इसमें अग्नि चीता गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बार चीतों को बाड़े में बंद कर दिया था। +
कब-कैसे हुई चीतों की मौत…
26 मार्च 2023: साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गई। वन विभाग ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई।
27 मार्च : ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया
साशा की मौत के अगले ही दिन मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया। ज्वाला को नामीबिया से यहां लाया गया था। कूनो नेशनल पार्क में इन शावकों को मिलाकर चीतों की कुल संख्या 23 हो गई।
23 अप्रैल : उदय की दिल के दौरे से मौत
साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि उदय की मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने से हुई। मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि हृदय धमनी में रक्त संचार रुकने के कारण चीते क्की मौत हुई। यह भी एक प्रकार का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई।
9 मई : दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। जेएस चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरेक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई।
23 मई : ज्वाला के एक शावक की मौत
मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। जिएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली 31 परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इनकी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई।
25 मई : ज्वाला के दो और शावकों की मौत
पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और शावकों की मौत हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात आमने सामने आई थी। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित 18 चीते बचे।
11 : मेल चीता तेजस की मौत
चीते तेजस की गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया गया कि चीतों के आपसी संघर्ष में उसकी जान गई है। इस मौत के बाद कूनो में 17 चीते बचे थे।
14 जुलाई : मेल चीता सूरज की मौत
चीते सूरज की गर्दन पर भी घाव मिला। कूनो प्रबंधन का अनुमान है कि चीतों के आपसी संघर्ष में ही सूरज की जान गई है। इससे नेशनल पार्क में चीतों की संख्या घटकर 16 रह गई थी।
2 अगस्त : मादा चीता धात्री की मौत
कूनो परिसर में ही मादा चीता धात्री का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम में इंफेक्शन से मौत की वजह सामने आई थी। धात्री की मौत होने के बाद चीतों की संख्या 15 रह गई थी।
03 जनवरी : आशा ने तीन शावक जन्मे
इसी साल 03 जनवरी को श्योपुर जिले के कूनो बेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी आई। मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया। कूनो में अब 4 शावक समेत कुल 18 चीते हो गए थे। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता आशा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नाम दिया था।
16 जनवरी 2024: नर चीते शौर्य की मौत
नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क लाए गए नर चीते शौर्य ने दम तोड़ा। अब यहां 4 शावक समेत 17 चीते बचे हैं।