मोहन कैबिनेट जल्द लेंगा शपथ , दिल्ली दरबार बैठक सम्पन्न
The Mohan Cabinet will soon take the oath, and the Delhi meeting has concluded.
नई दिल्ली । मध्यप्रदेश के डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल की सारी अड़चनें दूर कर ली गई।
मंत्रियों की लिस्ट को शुक्रवार रात अंतिम रूप दे दिया गया। फार्मूले के तहत तीन बार मंत्री रहे चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जा रहा। इस बार ऐसे विधायकों को कैबिनेट में जगह दी जा रही है, जो तीन या पांच बार विधायक बने पर कभी मंत्री नहीं बन पाए। जानकारी के मुताबिक 23 या 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल शपथ लेगा। मंत्रियों की संख्या भी शायद 20 से ज्यादा नहीं होगी।
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री की तरह मंत्रिमंडल में भी नए चेहरों को शामिल करना चाहता है। यही कारण है कि तीन से पांच बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री नहीं बन सके चेहरों को इस बार मौका देना तय किया गया। अपनी दो दिन की दिल्ली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा और भी कई नेताओं से अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा और भी कई नेताओं से मुलाकात की। बताते हैं कि सिंधिया से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।
हाईकमान के साथ हुई बैठक में डॉ मोहन यादव ने मंत्रिमंडल की लिस्ट को अंतिम रूप दिया। संभावना है कि 23 या 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार होप्नाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल शपथ में अधिक विलंब नहीं किया जाएगा। क्योंकि, फिर सभी सांसदों और विधायकों को नरेंद्र मोदी की संकल्प यात्रा के साथ जनता के बीच जाना है। ऐसे में केबिनेट गठन में देरी नहीं की जा सकती। भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि मंत्रिमंडल का विस्तार 23 या 24 दिसंबर को कर ही दिया जाए। अभी करीब 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इनमें ज्यादातर कैबिनेट और कुछ को राज्य मंत्री बनने का मौका मिलेगा।
इनके मंत्री बनने की संभावना
डॉ मोहन यादव ने जिन संभावित मंत्रियों के नामों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की उनमें सभी गुटा, जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई। इसके अलावा सबसे ज्यादा ध्यान लोकसभा चुनावों को देखते हुए भी किया गया है। इसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र से कम से कम एक विधायक को मंत्री बनने की कोशिश की गई। जिन नामों पर मंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई उनमें विश्वास सारंग, रमेश मेंदोला (या मालिनी गौड़), इंदरसिंह परमार, निर्मला भूरिया, मंजू दादू, एदल सिंह कंसाना, कुंवर टेकाम, संपतिया उइके, ओमप्रकाश धुर्वे, रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, कृष्णा गौर, गोविंद राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, अंबरीश शर्मा गुड्डू, बृजेंद्र यादव, नीना वर्मा, भगवानदास सबनानी, राकेश सिंह, राजेश सोनकर, रीति पाठक, राजकुमार मेव, दिव्यराज सिंह, ललिता यादव, प्रदीप लारिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, हरिशंकर खटीक, देवेंद्र कुमार जैन, प्रियंका मीणा के नाम शामिल हैं। इनमें से भी कुछ नाम बाहर हो सकते हैं।
बड़े नामों पर ये हुआ फैसला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैलाश विजयवर्गीय को मंत्रिमंडल में शामिल न करके उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया है। यह काम भी मंत्रिमंडल गठन के साथ ही होगा। वीडी शर्मा को केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा।
राकेश सिंह और रीति पाठक को मंत्री बनाया जा रहा है, जबकि, प्रहलाद पटेल को फिर लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। नरेंद्र तोमर को पहले ही विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा चुका है।