एमपी हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा, दोषी युवक को रोपने होंगे 50 पौधे

MP High Court gave a unique punishment, the guilty youth will have to plant 50 saplings.
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने न्यायालय के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर डालने के आपराधिक अवमानना प्रकरण में आरोपित युवक को दोषी पाते हुए सजा बतौर 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपने के आदेश दिए हैं।
इसके लिए 15 दिन की समय-सीमा निर्धारित की है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरोपित को बताएंगे कि वह कहां पर किस प्रजाति के पौधे लगा सकता है। इसके साथ ही युवक को चेतावनी दी कि वह भविष्य में ऐसी गलती न दोहराए।
मुरैना जिले के संबलगढ़ न्यायालय का मामला
प्रकरण मुरैना जिले के संबलगढ़ न्यायालय द्वारा हाई कोर्ट को भेजे गए पत्र से संबंधित था। इसमें अवगत कराया गया था कि राजस्थान के जयपुर जिले के त्रिवेणी नगर निवासी आरोपित राहुल साहू के विरुद्ध प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार के न्यायालय में भरण-पोषण का मामला विचाराधीन था। राहुल की पत्नी पूजा राठौर वादी है।
सात मई, 2024 को पूजा ने न्यायालय को सूचित किया कि राहुल ने उसके और न्यायालय के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर अपलोड की है। पूजा ने उस पोस्ट का साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किया।
युगलपीठ ने सजा के सिलसिले में सुझाव मांगा
न्यायालय ने इस जानकारी को अभिलेख पर लेकर आरोपित राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, लेकिन न तो आरोपित की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया और न ही वह उपस्थिति हुआ। इस रवैये को पर आपराधिक अवमानना प्रकरण चलाने के लिए न्यायालय ने हाई कोर्ट को पत्र भेज दिया। प्रकरण हाई कोर्ट में सुनवाई में आया तो कोर्ट रूम में उपस्थित अधिवक्ता आदित्य संघी से युगलपीठ ने सजा के सिलसिले में सुझाव मांगा।
अधिवक्ता ने कहा कि सुझाव दिया कि आरोपित की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे सुधारात्मक रूप से प्रतीकात्मक सजा दी जा सकती है। इसके अंतर्गत समाज सेवा करना बेहतर होगा। मसलन, भंवरताल पार्क में पौधारोपण कराया जाए। हाई कोर्ट को यह सुझाव पसंद आया।