आदिवासी,दलित एवं वंचित समाज के साथ न्याय करें प्रधानमंत्री : जीतू पटवारी
Prime Minister should do justice to tribal, Dalit and deprived society: Jitu Patwari
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूछे प्रधानमंत्री से 5 प्रश्न
भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश में स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से पांच प्रश्न किए हैं। पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में 22% से अधिक आबादी वाला आदिवासी समुदाय डबल इंजन की सरकार से बहुत सारी उम्मीदें रखता है एवं यह अपेक्षा भी रखता है कि उसकी सुनवाई तत्काल हो परंतु प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है।
पटवारी ने पहला प्रश्न करते हुए पूछा कि
अब तक वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे वितरित क्यों नहीं किए गए, जबकि राज्य में आदिवासी और अन्य परंपरागत वन निवासी, पीढ़ियों से वन भूमि पर खेती करते आ रहे हैं। कई साल पहले उन्हें इसका अधिकार देने वाला क़ानून – वन अधिकार अधिनियम – भी बन गया है। फिर भी ये लोग बीते कई सालों से अपने वन अधिकारों के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसा क्यों?
पटवारी ने दूसरे प्रश्न में पूछा कि एससी/एसटी के रिक्त बैकलॉग पदों की संख्या बढ़कर 1 लाख 50 हजार के करीब हो चुकी है तथा अनुमान के मुताबिक करीब 40 हजार पद सिर्फ शिक्षक पात्रता परीक्षा के वर्ग-1, वर्ग -2 और वर्ग तीन में खाली हैं, इसके अलावा सामाजिक न्याय, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं इन पर भर्ती क्यों नहीं की जा रही?
तीसरे प्रश्न में श्री पटवारी ने पूछा कि मध्य प्रदेश में पिछले आठ वर्ष से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नतियां नहीं हुई हैं। वर्ष 2016 में हाई कोर्ट जबलपुर ने पदोन्नति नियम 2002 को निरस्त कर दिया था। तब से अब तक कई बार भाजपा सरकार आ चुकी है, लेकिन अब तक सरकार पदोन्नति का रास्ता क्यों नहीं निकाल पाई हैं?
चौथे प्रश्न में पटवारी ने पूछा कि यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई मनरेगा योजना ने आदिवासी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर पलायन को रोक दिया था परंतु आदिवासी मजदूरों को आजकल मनरेगा योजना के तहत भुगतान प्राप्त करना क्यों मुश्किल हो रहा है, 10 साल की आपकी सरकार और 20 साल की प्रदेश सरकार ने पलायन रोकने के लिए कोई निर्णायक प्रयास क्यों नहीं किए?
पटवारी ने प्रधानमंत्री से पांचवे प्रश्न में पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि देशभर में आदिवासियों पर सर्वाधिक अत्याचार मध्यप्रदेश में ही होते हैं? एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में आदिवासियों के खिलाफ 2979 मामले सामने आए, जो कि पिछले साल के मुकाबले में 13% अधिक हैं! क्या आप प्रदेश के गृहमंत्री का पद संभालने वाले मुख्यमंत्री को आदिवासी अत्याचार रोकने को लेकर कोई प्रभावी निर्देश देकर जाएंगे?
पटवारी ने कहा कि उम्मीद है झाबुआ के जरिए प्रधानमंत्री जी भाजपा सरकारों के योगदान का आत्म विश्लेषण जरूर करेंगे और वंचित वर्ग के साथ न्याय करेंगे।