March 16, 2025

आज 1 मार्च से गर्मी का सीजन शुरू, होली के बाद तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंचेगा

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भोपाल

मध्यप्रदेश में सर्दी का सीजन 28 फरवरी को खत्म गया  और 1 मार्च से गर्मी का सीजन शुरू हुआ । इस बार सर्दी के ट्रेंड में काफी बदलाव देखने को मिला। न पूरे सीजन में शीतलहर चली। दिन में दो दिन ही कड़ाके की सर्दी रही। दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहा और सर्दी भी देर से आई और जल्द विदा हो गई। अब मार्च(MP Weather Update) में गर्मी की शुरुआत होगी। होली के बाद तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जा सकता है।

दरअसल अक्टूबर व नवंबर में कड़ाके की सर्दी नहीं रही और 20 दिसंबर के बाद तापमान में गिरावट दर्ज हुई। दिसंबर में एक कोल्ड डे रहा, जबकि जनवरी में एक सीवियर कोल्ड डे रहा। इस बार ग्वालियर चंबल संभाग कम ठिठुरा है, जबकि प्रदेश के मध्य हिस्से(MP Weather Update) में सबसे ज्यादा सर्दी रही। इस हिस्से में शीतलहर चली, जबकि ग्वालियर में शीतलहर नहीं चल सकी। न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ सका। सर्दी के दिन काफी कम रहे। फरवरी में तापमान सामान्य से नीचे नहीं आया।

 भारत इस साल मार्च महीने में बहुत ज्यादा गर्मी का सामना कर सकता है. पूरे महीने औसत से अधिक तापमान बने रहना का अनुमान है. इस अधिक गर्मी से पकते हुए गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है, जिससे उसकी उपज कम हो सकती है.

 इस साल मार्च के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने की संभावना है. पूरे महीने ज्यादातर दिन और रात के समय तापमान औसत से अधिक रह सकता है. अधिकारी ने बताया कि मार्च के दूसरे हफ्ते से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने का अनुमान है और महीने के अंत तक कई राज्यों में अधिकतम पारा 40 डिग्री (104°F) के पार जाने की संभावना है

रिकॉर्ड गर्मी से गेहूं की उपज होगी प्रभावित

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश होने के नाते भारत 2025 में अच्छी फसल की उम्मीद कर रहा है ताकि 2022 से 2024 तक लगातार तीन सालों की खराब फसल के बाद महंगे आयातों से बचा जा सके. हालांकि, अत्यधिक गर्मी से चौथे साल भी पैदावार कम हो सकती है, जिससे सरकार को आयात पर लगे 40% टैक्स को कम या हटा कर आयात की अनुमति देनी पड़ सकती है, ताकि सप्लाई की कमी को दूर किया जा सके. यह स्थिति 2022 की याद दिलाती है, जब फरवरी और मार्च में अचानक आई गर्मी ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद भारत को घरेलू सप्लाई को सुरक्षित रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी थी.

मौसम विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों में मार्च के मध्य से तापमान में तेज वृद्धि होने की संभावना है – जो संभवतः सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकती है. अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, "मार्च का मौसम गेहूं, चना और तिलहन के लिए अनुकूल नहीं होगा, जिससे इन पर गर्मी का असर पड़ सकता है." ये शीतकालीन फसलें, जिन्हें आमतौर पर अक्टूबर और दिसंबर के बीच बोया जाता है, अधिक उपज हासिल करने के लिए अपने पूरे विकास साइकिल में ठंडे तापमान पर निर्भर रहती हैं. गर्मी की मौजूदा हालात के कारण इस महीने घरेलू गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, और सप्लाई कम हो गई है. एक वैश्विक व्यापारिक फर्म के साथ जुड़े नई दिल्ली स्थित एक व्यापारी ने कहा कि फरवरी असामान्य रूप से गर्म थी, और यदि मार्च और भी अधिक गर्म हुआ, तो गेहूं उत्पादन पर भारी असर पड़ सकता है."

दिल्ली में टूटा 74 साल का रिकॉर्ड

इस बीच, मौसम विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में  (गुरुवार, 27 फरवरी) के तापमान ने 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और फरवरी में अब तक की सबसे गर्म रात दर्ज की गई है। IMD के मुताबिक, सफदरजंग में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो 1951 से 2025 के बीच की अवधि में इस महीने का सबसे अधिक तापमान है। आईएमडी ने कहा, " 27 फरवरी, 2025 को सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह 1951 और 2025 के बीच सफदरजंग में फरवरी में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है।" मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 1951 से पहले का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।

इस बीच, पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, फरवरी का पिछला उच्चतम न्यूनतम तापमान 25 फरवरी, 2015 को 19 डिग्री सेल्सियस था, जो रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे अधिक तापमान था। इसके बाद 1973 में 18.6 डिग्री सेल्सियस, 20 फरवरी, 2015 को 18.5 डिग्री सेल्सियस, 1992 में 18.2 डिग्री सेल्सियस और 1988 में 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पांचवां सबसे अधिक तापमान था। बादल छाए रहने के कारण, गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी ने बताया कि यह सामान्य औसत से 1.1 डिग्री कम है।

इस कारण नहीं पड़ी सर्दी

    इस बार का सर्दी का सीजन पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित रहा। हफ्ते में दो पश्चिमी विक्षोभ आए, जिसकी वजह से उत्तरी हवा नहीं चल सकी। दक्षिण पश्चिमी व पूर्वी हवा का प्रभाव रहा। इस वजह से दिन व रात के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं आई। नमी के कारण कोहरा छाया, लेकिन कोहरे के कारण ठंडक नहीं रही।
    फरवरी में भी वैसी ही स्थिति रही। पश्चिमी व दक्षिण से हवा चली। इससे दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहा और फरवरी में सर्दी नहीं पड़ी।

2024 में पड़ी थी कड़ाके की सर्दी

दिसंबर 2023 में कोल्ड डे व सीवियर कोल्ड रहे। इस कारण दिसंबर में भी काफी सर्दी पड़ी थी।

जनवरी 2024 में 9 सीवियर कोल्ड, 3 कोल्ड रहे, लेकिन शीतलहर नहीं चली। 31 में से 28 दिन दिन का तापमान सामान्य से नीचे रहा है। फरवरी भी सर्दी नहीं पड़ी।

अधिकतम व न्यूनतम तापमान से ऊपर रहा।

दिन में चटकी तेज धूप
गुरुवार को हवा का रुख पश्चिमी दिशा से रहा। इस कारण दिन में तेज धूप निकली और हल्के बादल भी छाए, लेकिन तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इस कारण दिन में गर्मी का अहसास हुआ। रात में ठंडक घटने की वजह से पंखे चालू हो गए। मौसम विभाग के अनुसार 2 मार्च को नया पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसके असर से मार्च के पहले सप्ताह में हल्के बादल छाएंगे और तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी।

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