February 7, 2025

इस ट्रेन में थाली-कटोरी लेकर जाएं, मिलेगा भरपेट भोजन, नहीं लगते पैसे, 29 सालों से लगातार जारी …..

0

अमृतसर

भारतीय रेलवे दुनिया की बेहतरीन सुविधाओं वाली रेल सेवा बनती जा रही है। रेलवे के सफर के दौरान लोगों को बहुत सारी सहूलियतें मिलती हैं। ट्रेन में बैठे-बैठे यात्रियों को भोजन मिलता है। रेलवे की इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन IRCTC ने अलग से साइट बनाई है। उस पर जाकर ट्रेन में बैठे-बैठे ऑनलाइन खाना मंगाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए पैसे देना होता है। लेकिन एक ट्रेन ऐसी, जिसमें फ्री में भरपेट भोजन मिलता है। बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में यात्रियों को लंगर सुविधा मुहैया कराई जाती है।

अमृतसर-नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस में 29 साल से यात्रियों को फ्री खाना खिलाया जा रहा है। इस ट्रेन में भोजन ले जाने की जरूरत नहीं रहती है। 2081 किमी के सफर में यात्रियों को लंगर दिया जाता है। सचखंड एक्सप्रेस में पैंट्री भी है। लेकिन यहां पर खाना नहीं बनता है। इसकी वजह ये है कि जिस समय नाश्ता मिलता है। उस समय स्टेशन पर लंगर लगता है। जिससे खाना बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।

सचखंड एक्सप्रेस में 6 जगह मिलता है लंगर

सचखंड एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को खाने की टेंशन नहीं रहती है। उन्हें फ्री में खाना मिलता है। बीते कई सालों से इस ट्रेन में यात्रियों को स्पेशल लंगर परोसी जाता है। सचखंड एक्सप्रेस 39 स्टेशनों पर रुकती है। इस दौरान 6 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए लंगर लगता है। ट्रेन भी उसी हिसाब से उन स्टेशनों पर रुकती है कि लोग आराम से लंगर लेकर खा सकें। नई दिल्ली और डबरा स्टेशन पर दोनों तरफ से सचखंड एक्सप्रेस में लंगर लगता है। जिसके लिए यात्री पहले ही तैयारी करके आते हैं। इस दौरान सभी यात्रियों के हाथ में अपने बर्तन होते हैं। कोई अमीर गरीब नहीं होता है। हर किसी को लंगर का इंतजार रहता है। जनरल से लेकर एसी कोच तक के यात्री अपने बर्तन लेकर स्टेशन पर आ जाते हैं।

29 साल से चल रहा है लंगर

लंगर का मेनू रोज बदला जाता है। इसका खर्च गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से निकलता है। आमतौर पर कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी,की सब्जी, आलू-गोभी की सब्जी, साग-भाजी मिलती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब यहां पर खाना ना खिलाया गया हो। ये ट्रेन अगर लेट भी होती है तो सेवादार इंतजार में खड़े रहते हैं। रोज करीब 2000 लोगों के लिए लंगर तैयार किया जाता है।

क्या है इस ट्रेन का इतिहास?

ट्रेन को नांदेड़ और अमृतसर के बीच चलाया जाता है। 1995 में ये ट्रेन हफ्ते में एक बार चलती थी। इसके बाद इसमें थोड़ा बदलाव करके हफ्ते में दो बार चलाया गया। 1997-1998 के दौरान ये हफ्ते में 5 दिन चलने लगी। 2007 से ये ट्रेन रोजाना चलाई जा रही है। इस ट्रेन में लंगर सभी को दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इस लंगर की शुरुआत सिख कारोबारियों ने की थी। जिसे बाद में गुरुद्वारे ने जारी रखा है।

साथ बर्तन लेकर चलते हैं यात्री 

ट्रेन के जनरल से लेकर एसी कोच तक में यात्री अपने साथ बर्तन लेकर चलते हैं. स्टेशनों पर बस बर्तन आगे किया, लंगर का प्रसाद मिल जाता है. दरअसल सचखंड एक्सप्रेस सिखों के दो सबसे बड़े धर्मस्थल अमृतसर के श्री हरमंदर साहिब और नांदेड़ (महाराष्ट्र) के श्री हजूर साहिब सचखंड को जोड़ती है. जिसकी वजह से सफर के रूट में पड़ने वाले छह स्टेशनों पर लंगर का प्रसाद सालों से परोसा जाता रहा है. कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी,की सब्जी, आलू-गोभी की सब्जी, साग-भाजी मिलती हैं.  

रोजाना 2000 लोगों के लिए बनता है लंगर 

साल 1995 शुरू हुई इस ट्रेन को पहले हफ्ते में एक बार चलाया जाता था.बार में इसे बढ़ाकर हफ्ते में दो बार चलाया गया. साल 1997 में इसे हफ्ते में 5 बर और फिर इसे बढ़ाकर रोजाना कर दिया गया. इस लंगर की शुरुआत एक व्यापारी ने की थी, अब रोजाना 2000 लोगों के लिए लंगर बनता है. ट्रेन से सफर करने वाले लोग पहले से ही तैयारी करके रखते हैं. स्टेशन आने पर कुछ सेवादार ट्रेन में और कुछ स्टेशनों पर यात्रियों को लंगर का प्रसाद परोसते हैं. सालों से चली आ रही ये परंपरा आज भी जारी है. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor