सराफा एसोसिएशन के चुनाव से पहले लगे बार बालाओं के ठुमके
सागर। मध्य प्रदेश के सागर में गुरुवार को फिल्मी गानों पर बार बालाओं ने जमकर ठुमके लगाए। सागर में सराफा एसोसिएशन के लिए पहली बार हो रहे चुनाव से पहले कारीगरों के सम्मान समारोह में इन बार बालाओं के साथ आयोजकों और वहां मौजूद लोगों ने भी खूब ठुमके लगाए। इधर, कार्यक्रम को बुंदेली संस्कृति का अपमान बताते हुए शिवसेना के अलावा कई सामाजिक संगठन भी विरोध में उतर आए हैं।
सागर का सराफा बाजार प्रदेश के प्रतिष्ठित सराफा बाजारों में शुमार है। सराफा एसोसिएशन के चुनाव 23 मार्च को होने हैं। यह पहली बार है जब यहां मतदान के आधार पर चुनाव हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक चुनाव में समर्थन हासिल करने के लिए गुरुवार को बड़ा बाजार में श्रीमंत धर्मशाला में कारीगरों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसी समारोह में बार बालाओं को बुलाया गया था।
कार्यक्रम में राई नृत्य के नाम पर बार-बार बेशर्मी की हदें पार हुईं। राई नृत्य की आड़ में लोक गीत की जगह फिल्मी गानों पर डांस हुआ। नाचती हुई बार बालाओं पर पैसे लुटाए गए। कई बार तो आयोजक और वहां मौजूद लोग भी स्टेज पर आकर उनके साथ डांस करते नजर आए।
सराफा एसोसिएशन में वर्षों से एक विशेष गुट का दबदबा है। इस बार मतदान के जरिये चुनाव कराए जाने से इस गुट को अपने एकाधिकार पर खतरा मंडराता दिख रहा है। मतदाताओं को रिझाने के लिए यह गुट हर तिकड़म अपना रहा है। बार बालाओं का कार्यक्रम भी इसी का हिस्सा था, लेकिन शहर के सामाजिक-राजनीतिक संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं। शिवसेना के राज्य उप प्रमुख पप्पू तिवारी ने कहा है कि सराफा एसोसिएशन समाज का एक प्रतिष्ठित वर्ग है, लेकिन इस कार्यक्रम ने बुंदेली संस्कृति को शर्मसार किया है।