कमलनाथ ने शिवराज को नालायक कहा.. शिवराज का जवाब- लायक कौन, जनता तय करेगी
भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बीच उपचुनाव से पहले तल्ख बयानबाजी शुरू हो गई है। शनिवार को ग्वालियर में कमलनाथ ने शिवराज को नालायक तक कह डाला। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कमलनाथ को आरोपों की कीचड़ ही अच्छी लग रही है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कौन लायक है, कौन नालायक, यह तो जनता तय करती है। अब कमलनाथ खुद इस पर विचार करें।
28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के पहले मध्य प्रदेश में सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। इसके पहले शुक्रवार को कमलनाथ ने भोपाल में कहा था- मुझे शर्म आती है, जब मैं दिल्ली जाता हूं और लोग पूछते हैं कि आपके प्रदेश की छवि बिकाऊ वाली बन गई। इस पर शिवराज ने जवाब देते हुए कहा था- ऐसा कहना प्रदेश की 8 करोड़ जनता का अपमान है। कमलनाथ को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
ग्वालियर दौरे पर थे कमलनाथ
कमलनाथ ग्वालियर के दो दिन के दौरे पर पहुंचे थे। आखिरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कमलनाथ ने कहा- मैंने अपने कार्यकाल में 26 लाख किसानों के कर्ज माफ किए। अब शिवराज इतने नालायक तो हैं नहीं कि वह समझ न सकें कि ये कैसे किया गया है। हमने दो लाख तक के सभी किसानों के कर्ज माफ करके मदद की। जबकि, शिवराज के 15 साल के कार्यकाल में किसानों को आत्महत्या तक पर मजबूर होना पड़ा।
शिवराज का पलटवार
कमलनाथ के बयान पर शिवराज ने कहा- जो सभी को एक भाव से देखे, गरीबों का सम्मान करे, किसान के कल्याण की योजना बनाए, वो लायक है या नालायक, यह फैसला जनता को करना है। 15 महीने कमलनाथ की सरकार थी। उन्होंने क्या किया? यह बड़ी लायकी की बात थी कि वल्लभ भवन को दलालों के अड्डा बना दिया। पूरे प्रदेश के विकास को ठप कर दिया?
आपको जवाब देना पड़ेगा कि 10 दिन में 2 लाख तक का कर्ज आपने क्यों माफ नहीं किया। कर्ज माफी के झूठे सर्टिफिकेट पकड़ाकर आपने सहकारी बैंकों तक को पूरा पैसा नहीं दिया। क्या यह बैंकों के साथ धोखा नहीं है? आपको जवाब देना पड़ेगा कि किसान सम्मान निधि का पैसा जो प्रधानमंत्री सीधे किसानों को देते हैं आपने उसे क्यों अटकाया?
शराब माफिया कौन, रेत माफिया कौन, क्या यह बयान आपको याद नहीं हैं। क्या यह भी भूल गए कमलनाथ कि ग्वालियर-चंबल संभाग से एक मंत्री जो आज नदी बचाने का नाटक कर रहे थे। वो जनता से कह रहे थे कि हमें माफ कर दो, हम रेत का अवैध खनन नहीं रोक पाए। क्या किसानों से झूठ बोलना, बेरोजगारों से छल करना, बेटियों को ठगना लायकी है? कमलनाथ कौन सी लायकी और नालायकी की बात कर रहे हैं?
‘कितने भोले हैं आप कमलनाथ, क्या ये जनता मान लेगी?’
मुझे कोई नालायक कहे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो वैसे भी जनता का सेवक हूं। 15 महीनों में 5 मिनट के लिए भी आप ग्वालियर नहीं गए। आज आप कह दो कि मैंने तो किसी और के भरोसे छोड़ दिया था या लायकी है, वह भी तब जब चुनाव में उनका उपयोग करना था। मुख्यमंत्री जब भारत के संविधान की शपथ लेता है तब समान भाव की शपथ लेता है, लेकिन अब आप कह रहे हो कि मैंने तो ग्वालियर छोड़ दिया था। कितने भोले हैं कमलनाथ आप, क्या जनता इस भोलेपन को मान लेगी?
‘चंबल एक्सप्रेसवे को ठंडे बस्ते में क्यों डाला?’
लायक पूर्व मुख्यमंत्री जी बताएं कि जरारोग्य अस्पताल के निर्माण को आपने क्यों रोका? जरारोग्य अस्पताल को बाईपास सर्जरी के पैसे क्यों नहीं दिए गए? आप को बताना पड़ेगा कि ग्वालियर और चंबल से जो हमारी पानी लाने की योजना थी उसे क्यों रोका? चंबल एक्सप्रेस वे के निर्माण को आपने ठंडे बस्ते में क्यों डाला? आपके पास ग्वालियर संभाग और चंबल संभाग के जनप्रतिनिधियों के लिए 1 मिनट का टाइम क्यों नहीं था?