EOW की बड़ी कार्रवाई: निगम अधिकारी के ठिकानों पर छापा, करोड़ों की संपत्ति जब्त

EOW's big action: Raid on corporation officer's premises
EOW’s big action: Raid on corporation officer’s premises, property worth crores seized
इंदौर ! नगर निगम राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर और कार्यालय समेत कई ठिकानों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने शुक्रवार सुबह छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में करोड़ों की अवैध संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि परमार ने नौकरी के दौरान अपने और परिवार के नाम पर कई महंगी संपत्तियां खरीदीं। मामले की जांच जारी है और आगे और भी खुलासे होने की संभावना है।
घर और ऑफिस पर छापा, संपत्ति के दस्तावेज जब्त
सूत्रों के अनुसार, इंदौर के बिजलपुर स्थित आवास कॉलोनी में EOW की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से सर्चिंग अभियान चलाया। टीम को परमार के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। साथ ही, परमार के कार्यालय पर भी छापा मारा गया, लेकिन वह बंद मिला। टीम ने श्रीजी वैली, बिचौली मर्दाना स्थित अन्य संपत्तियों पर भी कार्रवाई की। EOW डीएसपी मधुर रीना गौड़ ने बताया कि परमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है। अब तक की जांच में कुछ संपत्तियों के दस्तावेज सामने आए हैं, लेकिन उनकी सटीक कीमत का निर्धारण अभी बाकी है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, यह संपत्तियां करोड़ों रुपये की हो सकती हैं।
पहले ही हो चुका है निलंबन
राजेश परमार को हाल ही में नगर निगम आयुक्त द्वारा अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया था। बताया जा रहा है कि परमार की भर्ती पहले बेलदार के पद पर हुई थी, लेकिन बाद में वह प्रमोशन पाकर सहायक राजस्व अधिकारी बन गया। नौकरी के दौरान, उसने अपने और परिवार के नाम पर कई महंगी संपत्तियां खरीदीं।
परमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत कांग्रेस पार्षद रुबिना खान ने 20 अक्टूबर 2024 को नगर निगम आयुक्त से की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि परमार दरोगा के पद पर रहते हुए प्रभारी एआरओ बन गया और जोन-19 में बेटरमेंट शुल्क की कम वसूली कर भ्रष्टाचार कर रहा था। इसके अलावा, बिना अनुमति विदेश यात्रा करने के भी आरोप हैं। रुबिना खान ने महापौर, आयुक्त, राजस्व समिति प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों को प्रमाणों के साथ शिकायत सौंपी थी। उन्होंने मांग की थी कि परमार को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उसके पूरे कार्यकाल की जांच की जाए।
जांच जारी, और खुलासों की संभावना
EOW की कार्रवाई अभी जारी है और आगे और भी संपत्तियों के दस्तावेज मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस पूरे मामले में निगम के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा सकती है। इस छापेमारी के बाद नगर निगम के अन्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में आगे और क्या खुलासे होते हैं और राजेश परमार पर क्या कार्रवाई की जाती है।