चार महीने के सरकारी खर्च और योजनाओं की गति के लिए मोहन सरकार लेकर आएगी लेखानुदान.
Mohan government will bring in an audit for the government expenditures and the pace of schemes for the last four months.
- 8 महीने के बजट में कितना हुआ खर्च, विभागों में बची राशि के आधार पर बनाया जाएगा पुनरीक्षित बजट
- नई योजना नहीं होगी शुरू, पुरानी को गति देने के लिए राशि में ही होगा संशोधन
भोपाल। भाजपा सरकार की 8 महीने में चलाई गई शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं में कटौती की जाएगी। इसके पीछे का कारण है कि अक्टूबर तक का बजट सरकार पहले ही खर्च कर चुकी है। अब नई सरकार के सामने चुनौती है की योजनाओं को गति दी जाए और विकास कार्य के प्रोजेक्ट भी पूरे किया जाए। इसके लिए सरकार लेखा अनुदान लेकर आएगी। नए साल में आने वाले 4 महीने के लिए मोहन सरकार पुनरीक्षित बजट तैयार करने की शुरूआत कर दी है। वित्त विभाग में संबंध में सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्हें जल्द से जल्द वित्तीय बजट साल 2023 24 में की गई घोषणाओं के मुताबिक खर्च की जानकारी देनी होगी। किन योजनाओं में कितना पैसा खर्च हो चुका है। इसके अलावा सरकार की तरफ से चलाई जा रही लाडली बहना गेहूं और धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी सहित तमाम योजनाओं के लिए राशि की व्यवस्था बचे हुए फंड से की जाएगी।
वही संकल्प पत्र के वचन के मुताबिक योजनाओं को गति देने के लिए भी राशि की सरकार के पास जरूरत है। इस बात का आकलन करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि आखिर सरकार विकास कार्यों के लिए कितना चार महीने के लिए बजट जारी कर सकती है। जानकारों का कहना है कि सरकार अगर 100 करोड रुपए किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बजट का प्रावधान करती है। अगर वित्तीय स्थिति प्रोजेक्ट के मुताबिक बेहतर नहीं है तो योजना को गति देने के लिए 20 से 30 फीसदी फंड जारी कर विकास कार्य को जारी रखा जा सकता है। ऐसे ही कोई नई स्कीम की शुरूआत लेखानुदान में नहीं होगी। क्योंकि नई योजना के लिए सलाना वित्तीय बजट जरूरी होता है।
जरूरत खर्च और योजना रहेगी प्रथमिकता
- वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों की सैलरी वेतन वृद्धि और आॅफिस से जुड़े हुए खर्चों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में चल रही योजनाओं को जारी रखना प्राथमिकता में शुमार किया गया है। संविदा कर्मचारियों की वेतन भत्ते सहित अन्य विकास कार्यों को शामिल किया गया है करीब तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी लेखानुदान में की जाएगी। सूत्रों कहना है कि शिवराज सिंह चौहान ने कई योजनाओं का ऐलान किया था। जो भाजपा के संकल्प पत्र में शामिल नहीं थी। उन्हें फिलहाल लेखानुदान में शामिल नहीं किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के चलते पड़ा असर, केंद्र के फंड से राज्य सरकार तय करती है बजट
- लोकसभा चुनाव के चलते केंद्र सरकार भी आम बजट पेश नहीं करेगी। हर साल फरवरी महीने में केंद्र सरकार की ओर से बजट जारी किया जाता है। इसके बाद ही राज्य सरकार तय करती है कि योजनाओं में कितना फंड दिया जा सकता है। केंद्र की ओर से मिलने वाली राशि के आधार पर ही राज्य सरकार की प्राथमिकता होती है कि योजनाओं को गति दी जाए। हालांकि लोकसभा चुनाव पूरे होने के बाद मौजूदा सरकार केंद्र में अपना बजट जून या फिर जुलाई में पेश करेगी। इसके बाद ही मध्य प्रदेश सरकार सलाना वित्तीय बजट अगस्त में जारी करेगी।