अपना समय देकर शिक्षक हमारे जीवन को सवारते है ; जनभागीदारी अध्यक्ष मुक्ता ढोलेकर
- शिक्षको को तिलक कर अंबेडकर महाविद्यालय में मनाया शिक्षक दिवस ।
Teachers save our lives by giving their time (Jan Bhagidari President Mukta Dholekar)
हरिप्रसाद गोहे
आमला । शिक्षक हमारे जीवन का स्तंभ होते है,वह अपना समय देकर हमारे जीवन को सवारते है और आगे बढ़ाते है । उक्त आसय के विचार मुक्ता ढोलेकर जनभागीदारी अध्यक्ष ने आज डाक्टर भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय में शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान गुरुओं के सम्मान में कही । इस मौके पर अध्यक्ष मुक्ता ने सर्व प्रथम तिलक कर गुरुओं का सम्मान किया बाद गुरुओं को साल श्रीफल भेंट कर उन्हे सम्मानित किया ।
उन्होंने कहा शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते रहते हैं। उनकी कही बातें ही हमारे जीवन को निखारती हैं । इस दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महाविधालय के छात्र शिवम कोशल, मोहित ढोलेकर,चंदन कुमार मंडल,नवनीत मालवीय,छात्रा अंजली व समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे ।