योगी-मोदी की रैली पर वरुण का निशाना:बोले- रात में कर्फ्यू और दिन में लाखों की भीड़

पीलीभीत। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी लगातार अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं। सोमवार को एक बार फिर उन्होंने ट्वीट करके सीएम योगी के प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले पर निशाना साधा।
वरुण ने कहा- रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना, ये सामान्य जनमानस की समझ से परे है। उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से ये तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन को फैलने से रोकना है, चुनावी शक्ति प्रदर्शन करना नहीं।
वरुण पहले भी कर चुके हैं वार
कुछ दिन पहले वरुण ने सीएम योगी को संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर घेरा था। उन्होंने सीएम को एक पत्र लिखकर कहा था कि आपने संविदा कर्मियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था। इसके ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वरुण 19 दिसंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां उनके बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनी थीं।
UPTET पेपर लीक मामले में वरुण ने सरकार से पूछा था कि आखिर रसूखदारों पर एक्शन कब होगा? उन्होंने कहा था कि ज्यादातर शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनीतिक रसूखदार हैं। कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर भी वरुण सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार को कई बार लेटर लिखा था। इसमें किसानों की मांग को पूरा करने की बात कही थी। वरुण गांधी ने एक किसान के फसल जलाने पर भी BJP को घेरा था। उन्होंने लिखा था कि यूपी के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।।
केंद्र के निजीकरण प्रस्ताव का भी कर चुके हैं विरोध
वरुण ने केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण का भी विरोध किया था। वहीं अमेजन, फ्लिपकार्ट पर भी हमला किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों के हित में केवल मैं खड़ा हुआ था। इसके विरोध करने की बाकी किसी भी सांसद की हिम्मत नहीं हुई थी। गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरुण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते।